महाराष्ट्र सरकार का किसानों के लिए बड़ा फैसला

म. टा. विशेष प्रतिनिधी, मुंबई : राज्य में पिछले साल बेमौसम बारिश से नुकसान झेलने वाले किसानों को 1500 करोड़ रुपये की सहायता देने का फैसला मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया. यह सहायता लगभग 15.96 लाख हेक्टेयर प्रभावित क्षेत्र के 27 लाख 36 हजार किसानों को दी जाएगी।

राज्य सरकार ने लगातार हो रही बारिश को नई आपदा घोषित करते हुए 5 अप्रैल को कैबिनेट की बैठक में राहत देने का फैसला किया था. तदनुसार, संशोधित दरों और राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि के मानदंडों के अनुसार कृषि फसलों को नुकसान के लिए सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार ने राज्य आपदा मोचन कोष की दरों में संशोधन किया है। इसके अनुसार कृषि योग्य फसलों को नुकसान होने पर दो हेक्टेयर की सीमा में 8,500 रुपये प्रति हेक्टेयर, उद्यानिकी फसलों के नुकसान के लिए 17,000 रुपये प्रति हेक्टेयर और बारहमासी फसलों के नुकसान के लिए 22,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की सीमा में यह सहायता प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति के छात्रों का निर्वाह भत्ता बढ़ाने और संविदा ग्राम सेवकों के पारिश्रमिक में वृद्धि करने का निर्णय लिया।
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निर्वाह भत्ता में वृद्धि

मंत्रि-परिषद की बैठक में अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों के निर्वाह भत्ता को केन्द्र सरकार के नियमानुसार संशोधित करने तथा इसका लाभ सभी स्वीकृत विश्वविद्यालयों एवं निजी महाविद्यालयों को देने का भी निर्णय लिया गया। संशोधित दर छात्रावास के छात्रों के लिए 4000 रुपये से 13 हजार 500 रुपये और गैर-छात्रावास छात्रों के लिए 2 हजार 500 से 7 हजार रुपये होगी। छात्रवृत्ति का लाभ सीधे छात्र के बैंक खाते में जमा किया जाएगा। पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के लिए केंद्र द्वारा संशोधित दिशा-निर्देश दिए गए हैं, जिन्हें राज्य में भी लागू किया जाएगा।

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संविदा ग्राम सेवकों के पारिश्रमिक में वृद्धि

संविदा ग्राम सेवकों के वेतन में 200 रुपये की वृद्धि करने का भी निर्णय लिया गया। वर्तमान में संविदा ग्राम सेवक को छह हजार रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता है। अब इस फैसले के बाद ग्राम सेवक को 16 हजार रुपये मिलेंगे। वर्तमान में प्रदेश में 27 हजार 921 ग्राम पंचायतें हैं तथा नियमित ग्राम सेवक के 18 हजार 675 पद हैं। इनमें से 17 हजार 100 पद भरे गए हैं और 1 हजार 575 पद खाली हैं। वर्ष 2000 से ग्राम सेवकों के पद संविदा के आधार पर भरे जाते हैं। कृषि सेवकों, ग्राम सेवकों एवं शिक्षाकर्मियों के मानदेय में वृद्धि के कारण संविदा ग्राम सेवकों के मानदेय में वृद्धि का प्रस्ताव था। इससे पहले साल 2012 में इसे बढ़ाया गया था। इस फैसले से सरकारी खजाने पर एक करोड़ 57 लाख 50 हजार रुपये का आर्थिक बोझ पड़ेगा.

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By jaghit

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