क्या सही में कोरोना के बाद बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामले? ये आंकड़े बताते हैं पूरी कहानी


<p class="p1" style="text-align: justify;">कोरोना वायरस से परेशान लोग अब एक नए डर का सामना कर रहे हैं, जिसका नाम हार्ट अटैक है. दरअसल कोरोना वायरस का दौर देखने वाले तमाम लोग अब लगातार लोगों में बढ़ते हार्ट अटैक के ख़तरे और उनसे हो रही मौतों को भी देख रहे हैं, तेज़ी से बढ़ते इन मामलों की वजह कोविड वैक्सीन को बताया जा रहा है. ऐसे में चलिए उन आंकड़ों पर नजर डालते हैं जिसकी वजह से हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों का सारा दोषी कोरोना महामारी को बताया जा रहा है.</p>
<p class="p1" style="text-align: justify;"><strong>क्यों कोविड के बाद बढ़े हार्ट अटैक के मामले?</strong></p>
<p class="p1" style="text-align: justify;">30 साल से कम उम्र के लोगों में भी हार्ट अटैक से मौत के मामले देखे जा रहे हैं. इसके अलावा स्कूली बच्चे तक इससे बच नहीं पा रहे हैं. कुछ स्कूली बच्चों में भी हार्ट अटैक और कार्डियो अरेस्ट के कारण मौत की घटनाएं सामने आई हैं. पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर भी तेजी से ऐसे वीडियोज वायरल हो रहे हैं जिसमें किसी व्यक्ति को डांस करते-करते या बैठे-बैठे हार्ट अटैक आया और उसकी मौत हो गई.</p>
<p class="p1" style="text-align: justify;">पिछले साल गुजरात में गरबा खेलते वक़्त कई लोगों की हार्ट अटैक के चलते मौत हो गई थी. जिसे देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने देश में बढ़ते हृदयाघात के मामले की वजह कोरोना वायरस को बताया था<span class="s1">. </span>उन्होंने कहा था कि जो लोग कोविड से संक्रमित हुए थे<span class="s1">, </span>उनमें हृदय घात और कार्डियक अरेस्ट का रिस्क ज्यादा रहता है<span class="s1">.<strong>&nbsp;</strong></span>मांडविया के बयान से ये साफ हो गया कि हृदयाघात के मामले बढ़ने का बड़ा कारण कोरोना वायरस ही है.</p>
<p class="p1" style="text-align: justify;"><strong>रिसर्च में भी हुआ खुलासा</strong></p>
<p class="p1" style="text-align: justify;">भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद<span class="s1"> (</span>आईसीएमआर<span class="s1">) </span>के द्वारा की गई एक रिसर्च में ये दावा किया गया है कि जो व्यक्ति गंभीर रूप से कोविड वायरस का शिकार हुए थे<span class="s1">, </span>उनमें हृदय रोग का जोखिम ज़्यादा देखा गया है<span class="s1">. </span>जिसके बाद ऐसे लोगों को सलाह दी गई कि दिल का दौरे से बचने के लिए एक या दो साल तक अत्यधिक परिश्रम नहीं करना चाहिए<span class="s1">.</span></p>
<p class="p1" style="text-align: justify;"><strong>महामारी के बाद क्यों बढ़े हार्ट अटैक के केस?</strong></p>
<p class="p1" style="text-align: justify;">एक रिपोर्ट की मानें तो कोरोना महामारी के बाद हार्ट अटैक के केसों में वृद्धि देखी गई है<span class="s1">. </span>इन मरीजों की जांच के दौरान ये सामने आया कि कोरोना वायरस के कारण हार्ट की आर्टरीज में खून के थक्के बन गए थे<span class="s1">. </span>इन क्लॉट के कारण हृदय को ब्लड पंप करने में परेशानी होती है<span class="s1">, </span>जिससे हार्ट अटैक का ख़तरा बढ़ जाता है<span class="s1">. </span><a title="कोरोना वायरस" href="https://www.abplive.com/coronavirus-covid-19" data-type="interlinkingkeywords">कोरोना वायरस</a> का साइड इफेक्ट क्लॉट बनने की एक बड़ी वजह है<span class="s1">.</span></p>
<p class="p3" style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें: <a title="क्या वैक्सीन से हो रही है ब्लड क्लॉटिंग? जिससे हार्ट अटैक के साथ बढ़ेगा इन बीमारियों का खतरा" href="https://www.abplive.com/lifestyle/health/covid19-vaccines-covishield-especially-the-astrazeneca-vaccine-may-cause-vitt-and-blood-clots-called-thrombosis-with-thrombocytopenia-2677863" target="_self">क्या वैक्सीन से हो रही है ब्लड क्लॉटिंग? जिससे हार्ट अटैक के साथ बढ़ेगा इन बीमारियों का खतरा</a></strong></p>

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By jaghit

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