Shawarma खाने के बाद लड़के की मौत, जानिए आखिर इस खाने में ऐसा क्या है जिससे हो सकती है फूड पॉइजनिंग


<p style="text-align: justify;">केरल के कोच्चि में एक 24 साल के लड़के की फूड प्वाइजनिंग से मौत हो गई. जब खबर बाहर आई तो पता चला कि शहर के एक होटल का फेमस स्ट्रीटफूड लड़के ने खाया था. ऐसा कुछ महीने पहले चेन्नई में हुआ था जिसमें एक 14 साल सी लड़की की पकवान खाने के बाद मृत्यु हो गई थी, जबकि 43 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसके साथ ही फूड प्वाइजनिंग की एक और केस है जिसमें राहुल डी नायर नाम का लड़का शनिवार से फूड पॉइजनिंग की वजह से हॉस्पिटल में एडमिट थे. और जीवन और मौत के बीच जूझ रहे थे. उनके परिवार वालों ने दावा किया है कि शवर्मा खाने के अगले ही दिन से राहुल में फूड प्वाइजनिंग के लक्षण दिखाई देने लगे. जिसके बाद शरीर के कई ऑर्गन काम करना बंद कर दिया.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>शवर्मा बनाने का तरीका इसे टॉक्सिक बनाती है</strong></p>
<p style="text-align: justify;">इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक शवर्मा में ऐसा क्या है खतरनाक जिसके खाने के बाद फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो रहे हैं.&nbsp; &nbsp;तो कुछ यह जवाब मिला. साथ ही इसे सुरक्षित रूप से खाने का कौन सा तरीका आजमाना चाहिए. डॉक्टर कहते हैं कि शवर्मा बिल्कुल भी टॉक्सिक नहीं है.लेकिन इसे बनाने का तरीका का टॉक्सिक है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>शवर्मा कैसे बनता है टॉक्सिक</strong></p>
<p style="text-align: justify;">’ उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के डॉ. शुचिन बजाज जनरल फिजिशियन और संस्थापक-निदेशक कहते हैं कि शावर्मा बनाने के तरीका बेहद टॉक्सिक है. जैसे- मीट को बहुत ज्यादा फ्रीज करवा, क्रॉस कॉन्टामिनेशन के साथ मीट अधपका रहता है. जिसकी वजह से उसमें &nbsp;साल्मोनेला या ई. कोली जैसे हानिकारक बैक्टीरिया पनपने लगते हैं. लंबे समय तक मीट को फ्रिज से बाहर रखने से यह हानिकारक बैक्टीरिया उसमें पनपने लगता है. डॉक्टर आगे कहते हैं कि साफ-सफाई का ख्याल न रखना भी यह रेसिपी को टॉक्सिक बनाती है. गंदा बर्तन, सॉस और स्टोर किया हुआ मीट, ढेर सारे मसालों का इस्तेमाल इस खाने को टॉक्सिक बनाती है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>शवर्मा खाने के दौरान किन बात का रखें ख्याल</strong></p>
<p style="text-align: justify;">जब भी शवर्मा खाएं तो ऐसे दुकान या शॉप से खाएं जो साफ-सफाई दा ध्यान रखते हों.</p>
<p style="text-align: justify;">यह जरूर देखें मीट को ठीक से पकाया गया है कि नहीं. और गरमागरम परोसा जाए. मांस को ठीक से पकाने के लिए तापमान आमतौर पर 165&deg;F (74&deg;C) होता है क्योंकि यह हानिकारक बैक्टीरिया को मार देता है.</p>
<p style="text-align: justify;">ऐसे दुकान से खाएं जिनके यहां शवर्मा ज्यादा बेचें जाते हैं.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">लंबे समय तक रूम के टेंपरेचर पर रखे हुए शवर्मा खाने से बचें</p>
<p style="text-align: justify;">कच्चे या अधपके मांस से सावधान रहें और इसकी ताजगी का ध्यान रखें</p>
<p class="whitespace-pre-wrap"><strong><em>Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.</em></strong></p>
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By jaghit

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