India Maldives Controversy EU Report Says Maldives Ruling Coalition Deployed Anti-India Sentiment To Win Election

India Maldives Controversy: पिछले साल मालदीव में हुए राष्ट्रपति चुनाव में प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) और पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) के सत्तारूढ़ गठबंधन ने भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने का काम किया. इस बात का खुलासा यूरोपीय संघ (ईयू) की एक रिपोर्ट में हुआ है. 

यूरोपीय संघ ने एक रिपोर्ट में कहा कि मालदीव के वर्तमान सत्तारूढ़ गठबंधन ने चुनाव जीतने के लिए भारत विरोधी भावनाओं का इस्तेमाल किया. मालदीव के लिए यूरोपियन इलेक्शन ऑब्जरवेशन मिशन (ईयू ईओएम) ने पिछले साल 9 और 30 सितंबर को हुए दो दौर के चुनाव पर मंगलवार को अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रकाशित की. यह राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सरकार और भारत के बीच राजनयिक विवाद के बीच आई है, जब मालदीव के कुछ राजनेताओं ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां की हैं.

भारत के खिलाफ भड़काया गया 

रिपोर्ट के अनुसार, सत्तारूढ़ गठबंधन ने चुनाव जीतने के लिए लोगों को भारत के खिलाफ भड़काया. भारत के खिलाफ देश में गलत प्रचार प्रसार किया था.   देश के अंदर भारतीय सैन्यकर्मियों की मौजूदगी के बारे में भी चिंता प्रकट की गई थी. भारत के खिलाफ ऑनलाइन दुष्प्रचार अभियान चलाया था. जिससे मोहम्मद मुइज्जू 54 फीसदी मतों के साथ चुनाव जीते थे. 

फर्जी लेटर वायरल किया गया 

इतना ही नहीं, चुनाव के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के नाम से एक फर्जी लेटर को मालदीव के सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि नई दिल्ली ने मालदीव में पूर्ण संप्रभुता के साथ 15 हेक्टेयर के दो भूखंडों का अनुरोध किया है. बदले में, भारत मालदीव का कर्ज माफ करने को तैयार था, ऐसा फर्जी पत्र में दावा किया गया था.हालांकि, भारत सरकार ने तुरंत एक स्पष्टीकरण बयान जारी कर पत्र को फर्जी करार दिया था. यह पत्र भारत के खिलाफ  सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा शुरू किए गए दुष्प्रचार अभियान के कई उदाहरणों में से एक था.

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By jaghit

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