एक रिसर्च के मुताबिक किडनी डायलिसिस वाले मरीज अगर रोजाना हल्का एक्सरसाइज भी करेंगे तो वह शारीरिक रूप काफी ज्यादा फिट होते हैं. उनकी फिटनेस एक्सरसाइज न करने वाले लोगों की तुलना भी काफी अच्छी होती है. और उन्हें बार-बार हॉस्पिटल नहीं जाना पड़ता है. जर्मनी के ‘टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख (टीयूएम)’ में रिसर्चर की एक टीम ने माना कि डायलिसिस के मरीज अगर रोजाना हल्का-हल्का भी एक्सरसाइज करेंगे तो उनकी फिटनेस कमाल की रहेगी. गंभीर रूप से खराब किडनी वाले लोगों को प्रति सप्ताह कई बार डायलिसिस के लिए हॉस्पिटल जाना पड़ता है. कई किडनी के मरीज मधुमेह और हृदय रोग जैसी अतिरिक्त स्वास्थ्य समस्याओं से भी पीड़ित हैं.
किडनी के मरीजों को हल्का एक्सरसाइज करना क्यों है जरूरी
टीयूएम में प्रिवेंटिव एंड रिहैबिलिटेटिव स्पोर्ट्स मेडिसिन के प्रोफेसर मार्टिन हाले ने कहा,’इन बीमारियों द्वारा लगाई गई सीमाएं और डायलिसिस के लिए आवश्यक समय का मतलब अक्सर यह होता है कि प्रभावित लोग कम शारीरिक व्यायाम करते है हम इसे बदलना चाहते थे अध्ययन में टीम ने जर्मनी के 21 डायलिसिस केंद्रों के लगभग 1,000 मरीजों को शामिल किया. 12 महीने के इस पूरे रिसर्च में ऐसे मरीजों को शामिल किया गया जो डायलिसिस के साथ-साथ कम से कम हर सप्ताह में तीन बार एक्सरसाइज करते हैं. जबकि वैसे मरीज को भी शामिल किया गया जो सिर्फ चिकित्सा निगरानी के अंदर थे.
इन किडनी के गंभीर मरीजों को दिया गया था ये खास ट्रेनिंग
इन सेशन में बेड-साइकिल एर्गोमीटर के साथ 30 मिनट का एंडुरेज ट्रेनिंग और वजन, प्रतिरोध बैंड और गेंदों के साथ 30 मिनट की ट्रेनंग शामिल था. यह ट्रेनिंग सेशल मरीजों के हिसाब से बनाए गए थे. एक साल तक यह ट्रेनिंग चला और रिजल्ट काफी संतोषजनक थे.
एनईजेएम एविडेंस जर्नल में पब्लिश एक पेपर में हाले ने कहा कि इस तरह की ट्रेनिंग निश्चित रूप से रोजमर्रा की जिंदगी को विशेष रूप से प्रतिबिंबित नहीं करता है. हालांकि, परिणाम जीवन की गुणवत्ता और स्वायत्तता में ठोस सुधार दर्शाते हैं. उदाहरण के लिए, प्रतिभागी बिना सहायता के घर पर कुर्सी से खड़े होने में सक्षम थे. जो वो पहले नहीं कर पाते थे.’
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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