दंतेवाड़ा आईईडी ब्लास्ट: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के अरनपुर थाना क्षेत्र में बुधवार (26 अप्रैल) को नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर दिया था. इसमें डीआरजी के 10 जवान शहीद हो गए और एक वाहन चालक की भी मौत हो गई थी. इसमें इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) का इस्तेमाल किया गया था. 26 अप्रैल के हमले को नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में पिछले दो सालों में सुरक्षा बलों पर माओवादियों का सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है. जिस इलाके में विस्फोट हुआ वह राज्य की राजधानी रायपुर से करीब 450 किलोमीटर दूर है.
दरअसल, दक्षिण छत्तीसगढ़ में बस्तर क्षेत्र के जंगल तिराहे में स्थित दरभा संभाग के माओवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाकर्मी दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय से रवाना हुए थे. सूत्रों ने बताया कि अरनपुर इलाके में मौजूद शीर्ष नक्सली नेताओं की सूचना के आधार पर जवानों को अभियान चलाने के लिए भेजा गया था. दोपहर करीब 1 बजे सैनिकों ने अपने बेस पर वापस जाने के लिए एक निजी वाहन को रोका. जैसे ही वाहन पलनार इलाके में पहुंचा नक्सलियों ने आईईडी विस्फोट कर दिया.
50 किलो आईईडी प्लांट
सूत्रों के मुताबिक, हमले के लिए नक्सलियों ने करीब 50 किलो आईईडी प्लांट किया था. हमला इतना खतरनाक था कि वीडियो में लगभग 5 फीट गहरा एक बड़ा गड्ढा दिखाई दिया, जो सड़क को दो हिस्सों में बांच रहा था. यहां तक कि हमले में गाड़ी भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई. जवान मंगलवार रात हार्डकोर नक्सली कमांडर और 8 लाख के ईनामी जगदीश की सूचना पर निकले थे. इस हमले के बाद छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर नक्सलवाद को खत्म करने की बात कही. उन्होंने कहा नक्सलियों को किसी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा. हम योजनाबद्ध तरीके से नक्सलवाद को खत्म करेंगे. इससे पहले भी कई बार नक्सलियों ने हमले किए हैं.
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