Xi Jinping In Third Term In China No Women In Politburo In 25 Years Know CCP Congress Key Surprises

CCP Congress Key Surprises: चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) की सेंट्रल कमेटी (CCP Central Committee) ने रविवार (23 अक्टूबर) को शी जिनपिंग (Xi Jinping) को पार्टी का महासचिव (CCP General Secretary) चुन लिया. इसी के साथ जिनपिंग ने तीसरी बार शीर्ष नेतृत्व हासिल कर लिया. तीसरे राष्ट्रपति के तौर पर जिनपिंग की आधिकारिक ताजपोशी अगले साल मार्च में वार्षिक विधायी सत्र के दौरान होगी. जिनपिंग के नेतृत्व में एक नई पोलित ब्यूरो स्थायी समिति (Politburo Standing Committee) भी चुन ली गई है. 

चीन के इतिहास में माओत्से तुंग (Mao Zedong) के बाद शी जिनपिंग को सबसे शक्तिशाली शासक माना जा रहा है. आइए जानते हैं कि इस वीकेंड संपन्न हुई सीसीपी कांग्रेस की कौन सी बातें खास रहीं.

1. ली कियांग का प्रमोशन

चीन के सर्वोच्च नेतृत्व निकाय यानी पोलित ब्यूरो स्थायी समिति के सात सदस्यों में 63 वर्षीय ली कियांग को भी शामिल किया गया है. शंघाई पार्टी के प्रमुख ली कियांग को कम्युनिस्ट पार्टी में नंबर दो के स्थान पर पदोन्नत किया गया है. उनका अगला पीएम बनना निश्चित माना जा रहा है. मार्च में वह ली केकियांग की जगह लेंगे. ली कियांग को कड़ाई से कोरोना लॉकडाउन और प्रतिबंधों का पालन कराने का इनाम मिला है. जिनपिंग से कियांग की दोस्ती पुरानी बताई जाती है. 2000 के दशक से दोनों पक्के सहयोगी रहे हैं.

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2. उप-प्रधानमंत्री हू चुनहुआ बाहर

उप-प्रधानमंत्री हू चुनहुआ पीएम पद के प्रमुख दावेदारों में से एक थे. 59 वर्षीय हू चुनहुआ को कभी भी जिनपिंग का करीबी नहीं माना गया. वह पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ के करीब थे. वह ‘लिटिल हू’ के नाम से फेमस हुए. उन्हें सात सदस्यीय पोलित ब्यूरो स्थायी समिति में जगह नहीं दी गई है, न ही निर्णय लेने वाले चीन के एक और शीर्ष निकाय यानी 24 सदस्यीय पोलित ब्यूरो से भी उन्हें बाहर कर दिया गया है. अब वह केवल सेंट्रल कमेटी में हैं.

3. सात शीर्ष नेताओं में से चार का जल्द रिटायरमेंट

कम्युनिस्ट पार्टी की कांग्रेस के समापन पर घोषित की गई पोलित ब्यूरो स्थायी समिति की नई लाइन-अप में चार सदस्यों को हटा दिया गया है. लाइन-अप से बाहर किए गए चार सदस्यों में प्रधानमंत्री ली केकियांग (67), नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के अध्यक्ष ली झांशु (72), चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन के अध्यक्ष वांग यांग (67) और वाइस-प्रीमियर हान झेंग (68) शामिल हैं. इन लोगों को हटाए जाने के पीछे उम्र कारण मानी जा रही है. 

सात सदस्यीय नई पोलित ब्यूरो स्टेंडिंग कमेटी में शी जिनपिंग के अलावा, ली कियांग, झाओ लेजी, वांग हुनिंग, काई ची, डिंग शुएशियांग और शी ली शामिल हैं.

4. पोलित ब्यूरो में कोई महिला नहीं

25 साल में पहली बार चीन के शीर्ष निर्णय लेने वाली निकाय पोलित ब्यूरो में किसी महिला की नियुक्ति नहीं हुई है. 65 वर्षीय शेन यूयू को लेकर चर्चा थी कि पोलित ब्यूरो में वह एकमात्र महिला होंगी लेकिन सूची में उन्हें जगह नहीं दी गई. शेन यूयू चीनी संसद के स्थायी निकाय नेशनल पीपुल्स कांग्रेस स्थायी समिति की उपाध्यक्ष और सरकार समर्थित एनजीओ ऑल चाइना विमेंस फेडरेशन की अध्यक्ष हैं. रविवार को पोलित ब्यूरो को 25 से घटाकर 24 सदस्यीय कर दिया गया. वहीं, शनिवार को जारी नई सेंट्रल कमेटी के 205 सदस्यों की सूची में केवल 11 महिलाओं को रखा गया. 

5. रिटायरमेंट के नियम ताक पर रखे गए

ली केकियांग और वांग दोनों को समय से पहले रिटायरमेंट दे दिया गया लेकिन राष्ट्रपति के करीबी सहयोगी जनरल झांग यूक्सिया (72) और चीन के विदेश मंत्री वांग यी (69) के लिए सेवानिवृत्ति के नियम का पालन नहीं किया गया. जनरल झांग और वांग यी दोनों को शनिवार को सेंट्रल कमेटी ने फिर से चुना लिया.

जनरल झांग युद्ध का अच्छा खास अनुभव रखते हैं और अब उन्हें सैन्य निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय सेंट्रल मिलिट्री कमीशन का उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है. जिनपिंग के साथ उनका पुराना नाता है. दोनों के पिता एक-दूसरे के सहयोगी थे. झांग लंबे समय से जिनपिंग की सैन्य और नागरिक परियोजनाओं के एकीकरण के प्रबल समर्थक रहे हैं. वहीं, वांग यी स्टेट काउंसलर भी हैं. वह चीन के शीर्ष राजनयिक के रूप में 72 वर्षीय यांग जिएची की जगह लेंगे. वांग के पास हाल के वर्षों में अमेरिका-चीन के कठिन और जटिल द्विपक्षीय संबंधों को संभालने का व्यापक अनुभव है.

6. हू जिंताओ का अचानक ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल से बाहर जाना

पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ को शनिवार (22 अक्टूबर) को बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल से अचानक बाहर कर दिया गया. बाहर जाने से पहले वह शी जिनपिंग और आसपास बैठे शीर्ष अधिकारियों से कुछ कहते नजर आए. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. हू जिंताओ बाहर जाने के इच्छुक नहीं लग रहे थे. 

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने शनिवार की देर रात कहा कि हू की सत्र के दौरान तबीयत बिगड़ गई थी. एजेंसी ने कहा कि हू ने खराब सेहत के बावजूद बैठक में भाग लेने पर जोर दिया था. हालांकि, चीन सरकार की ओर से इस बारे में कोई बयान नहीं आया है. राजनीतिक विश्लेषक यह भी मानकर चल रहे हैं कि जिनपिंग ने हू को हॉल से बाहर कर अपनी ताकत का नमूना पेश किया. बता दें कि हू जिंताओ 2003 से 2013 तक चीन के राष्ट्रपति थे.

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By jaghit

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