Mohan Bhagwat On Samaveda in urdu: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने दिल्ली के लाल किला परिसर में चारों वेदों में से एक ‘सामवेद’ का उर्दू अनुवाद लॉन्च किया. यह किसी वेद का अब तक का पहला उर्दू अनुवाद है. मशहूर फिल्म निर्देशक इकबाल दुर्रानी (Iqbal Durrani) ने इसे लेकर नई दिल्ली में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था. भागवत ने कहा कि लोगों के भगवान की पूजा करने के तरीके अलग हो सकते हैं लेकिन उनका इरादा एक ही है. हमें यह समझना चाहिए कि धर्म अलग-अलग रास्ते हैं जो लोग एक ही लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अपनाते हैं.
भागवत ने कहा कुछ भूमि, कुछ पानी और कुछ अग्नि की पूजा करते हैं लेकिन सभी धर्म एक ही लक्ष्य या गंतव्य तक ले जाते हैं. इसे समुदायों के बीच दुश्मनी या संघर्ष का कारण नहीं बनाया जाना चाहिए. दरअसल, शुक्रवार (17 मार्च) को आरएसएस प्रमुख ने नई दिल्ली में पटकथा लेखक और फिल्म निर्माता इकबाल दुर्रानी की तरफ से हिंदू धर्म के चार वेदों या धर्मग्रंथों में से एक सामवेद के पहले उर्दू अनुवाद के शुभारंभ पर टिप्पणी की. सामवेद को धर्म का आधारभूत ग्रन्थ माना जाता है.
क्या बोले RSS प्रमुख
यह कार्यक्रम राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में प्रतिष्ठित लाल किले में आयोजित किया गया था. इस दौरान भागवत ने कहा कि भले ही लोग कई तरफ से एक पहाड़ पर चढ़ें वे एक ही शिखर पर पहुंचेंगे. दुनिया इस समय हिंसा से भरी हुई है. भगवान की पूजा करने के लिए रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं मंशा या प्रेरणा वही रहती है. हमें पूजा के विभिन्न साधनों पर लड़ना नहीं चाहिए.
सामवेद का उर्दू में अनुवाद
दरअसल, मशहूर फिल्म निर्देशक इकबाल दुर्रानी (Iqbal Durrani) ने सामवेद का उर्दू में अनुवाद किया है. उनका मानना है कि यह पुस्तक इश्क का तराना है जिसे हर किसी को पढ़ना चाहिए. दुर्रानी ने कहा कि मुगल बादशाह शाहजहां के बेटे दारा शिकोह ने उपनिषदों का उर्दू में अनुवाद करने का काम शुरू किया था लेकिन उसकी कोशिश के सफल होने से पहले ही उसके भाई औरंगजेब ने उसकी हत्या कर दी थी. इस दिशा में काम 400 साल से रुका हुआ था. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निगरानी में हिंदू धर्मग्रंथों का उर्दू में अनुवाद करने की नई कोशिश की जा रही है.
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