President Of Nepal Gave 7 Days Time To Form A New Government, No Party Got Absolute Majority

Who Will Be Next PM Of Nepal: नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी (Bidya Devi Bhandari) ने सभी राजनीतिक दलों को नई सरकार बनाने का न्योता रविवार (18 दिसंबर) को दिया है. इसके लिए उन्होंने सभी पार्टियों को 7 दिन का समय भी दिया है. नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा (Sher Bhadur Deuba) ने भी अपने सहयोगी पुष्प कमल दहल प्रचंड (Pushpa Kamal Dahal Prachanda) के साथ सत्ता के बंटवारे पर चर्चा की है.

राष्ट्रपति ने यह निमंत्रण चुनाव आयोग की रिपोर्ट आने के बाद दिया है. उस रिपोर्ट में 20 नवंबर को आयोजित प्रतिनिधि सभा और विधानसभा के सदस्यों के चुनाव से जुड़े अंतिम रिजल्ट का जिक्र है.

किसी को नहीं मिला है पूर्ण बहुमत

नेपाल में हुए चुनाव में किसी भी राजनीतिक पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था. राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 76(2) के अनुसार प्रतिनिधि सभा के ऐसे सदस्य को दावा करने के लिए बुलाया है जो दो या और दलों के मदद से बहुमत हासिल कर सके. राष्ट्रपति ने दावा पेश करने के लिए सभी पार्टियों को 25 दिसंबर के शाम का समय निर्धारित किया है. राष्ट्रपति कार्यालय से यह बात कही गई है.

138 सीटें सरकार बनाने के लिए चाहिए

News Reels

सीपीएन – माओइस्ट सेंटर के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ने नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर से मुलाकात कर कथित तौर पर  प्रधानमंत्री बनने की इच्छा जाहिर किया है. इस मुलाकात के दौरान कई और बिंदुओं पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने सत्तारूढ़ गठबंधन को आगे ले जाने के तौर तरीकों पर भी चर्चा की. नेपाल में सरकार बनाने के लिए 138 सीट की जरूरत होती है. हालांकि यह आंकड़ा किसी भी पार्टी के पास नहीं है.

सबसे ज्यादा सीटें किसकी आई  

देउबा के नेतृत्व में नेपाली कांग्रेस (NC) को नवंबर के महीने में हुए चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें मिली थीं. उनकी पार्टी को कुल 89 सीट मिली थीं. इतनी सीटों के साथ वह सबसे बड़ी पार्टी भी बनकर उभरी है. सीपीएन- माओइस्ट सेंटर को 32 सीटें मिली हैं. लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी को केवल 4 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था.

कौन होगा अगला प्रधानमंत्री

हिमालयन टाइम्स’ अखबार की खबर के अनुसार  सीपीएन-माओइस्ट सेंटर के नेता नारायण काजी श्रेष्ठ ने कहा कि उन्होंने देउबा से जानना चाहा है कि वह कैसे आगे बढ़ना चाहते हैं. इस पर, देउबा ने जवाब दिया कि गठबंधन के सभी सहयोगियों को अपने संबंधित संगठनों के भीतर फैसला करना चाहिए. प्रधानमंत्री के एक करीबी सूत्र ने ‘द काठमांडू पोस्ट’ अखबार को बताया,  छठी बार प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में शामिल देउबा ने प्रचंड को कोई निश्चित जवाब नहीं दिया है.

ये भी पढ़ें- पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हो सकती है जंग, सीमा पर सेना के बीच हुई थी झड़प

Source link

By jaghit