पाम तेल ताड़ के फल के गूदे से निकाला जाता है, जो अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशिया में उष्णकटिबंधीय जलवायु में उगाया जाता है. लगभग 90% पाम तेल का उपयोग खाद्य उपभोग के लिए किया जाता है. जबकि शेष 10% का उपयोग औद्योगिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है.
फैट से भरपूर होता है पाम ऑयल:पाम तेल में लगभग 50% फैट होती है, जबकि जैतून के तेल में लगभग 14% फैट होती है. जिसके कारण एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकता है.इसे खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स माना जाता है. इसके कारण दिल से जुड़ी बीमारी का खतरा रहता है.
रक्त के थक्के जमना: पाम तेल रक्त के थक्के जमना धीमा कर सकता है, जो अन्य दवाओं के साथ लेने पर चोट लगने और रक्तस्राव के जोखिम को बढ़ा सकता है जो रक्त के थक्के जमने को भी धीमा करते हैं.
पाम तेल इंसान के लिए बिल्कुल भी अच्छे नहीं होते हैं क्योंकि इसे खाने से शरीर में अनहेल्दी फैट ही जमा होने लगते हैं.
कुछ रिसर्च यह भी कहते हैं कि पाम ऑयल से बने फूड आइटम खाने से दिल से जुड़ी बीमारी का खतरा काफी ज्यादा बढ़ता है. इस्केमिक हृदय रोग मृत्यु दर के बढ़ते जोखिम से जोड़ा है.
Published at : 21 Sep 2024 04:27 PM (IST)