Palghar Mob Lynching: साल 2020 के अप्रैल महीने में महाराष्ट्र के पालघर जिले में 2 साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट पीटकर (Mob Lynching) हत्या कर दी गई थी. मामले में हत्या की जांच CBI को सौंपने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार (29 मार्च) को सुनवाई करेगा. हालांकि, इस घटना को तीन साल पूरे होने वाले है, लेकिन पीड़ित साधुओं और ड्राइवर को अभी भी न्याय नहीं मिला है.
हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट से जांच सीबीआई को देने की मांग की गई थी, लेकिन उद्धव सरकार ने मामले की जांच को लेकर विरोध किया था. जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो पाई थी. जिसके बाद पिछले साल 2022 के अक्टूबर में बीजेपी की शिंदे सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था, जिसमें वह मामले की जांच सीबीआई को देने के लिए तैयार हो गई थी.
क्या है मामला?
महाराष्ट्र के पालघर के गढ़चिंचले गांव में 16 अप्रैल 2020 को दो साधुओं और उनके ड्राइवर की 500 से अधिक लोगों के भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. जिसके बाद 21 अप्रैल 2020 को मामला जांच के लिए सीआईडी को सौंपा गया. जानकारी के मुताबिक साधुओं की हत्या बच्चा चोरी गिरोहों के सक्रिय होने की वजह से हुई थी. ऐसा अफवाह थी कि इन गिरोहों के सदस्य इलाके में साधु, डॉक्टर, पुलिस की वेशभूषा पहनकर बच्चा चोरी करते थे. जिसकी वजह से ड्राईवर और दोनों साधुओं की हत्या कर दी गई थी.
हत्या तब हुई थी जब तीनों लोग कार से सूरत में किसी व्यक्ति के अंतिम संस्कार के लिए जा रहे थे. कासा पुलिस स्टेशन में पालघर में हुई इस घटना को लेकर तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए गए थे. घटना के बाद इलाके में हंगामा हो गया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने कासा पुलिस के कुछ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था. साथ ही सरकार ने 35 से ज्यादा पुलिस कांस्टेबल और पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर भी कर दिया था.
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