Pakistan Political Crisis Pak Government Tables Bill In Parliament To Curtail Chief Justice Powers

Pakistan Political Crisis: आर्थिक तंगी और राजनीतिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में अब सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के अधिकार कम करने की तैयारी चल रही है. पाकिस्तान के कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने मंगलवार (28 मार्च) को सदन में सुप्रीम कोर्ट (प्रैक्टिस एंड प्रोसीजर) बिल 2023 पेश किया, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश की ओर से स्वत: संज्ञान लेने की विवेकाधीन शक्तियों को सीमित करना है.

जियो न्यूज ने इस खबर की जानकारी देते हुए बताया कि हाउस ने प्रस्तावित बिल को आगे की मंजूरी के लिए नेशनल असेंबली (एनए) स्टैंडिंग कमेटी ऑन लॉ एंड जस्टिस के पास भेज दिया है, जो बुधवार सुबह चौधरी महमूद बशीर विर्क की अध्यक्षता में बैठक कर इस पर फैसला सुनाएगी.

इस तरह पास होगा यह बिल

वहीं, कमेटी इसे वापस निचले सदन में भेजेगी. यहां बिल पास होने के बाद इसे सीनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. पाकिस्तान सरकार का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के दो न्यायाधीशों- जस्टिस सैयद मंसूर अली शाह और जस्टिस जमाल खान मंडोखैल की ओर से पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश की शक्तियों पर सवाल उठाए जाने के एक दिन बाद आया है. दोनों न्यायाधीशों ने कहा कि शीर्ष अदालत एक व्यक्ति, मुख्य न्यायाधीश के एकान्त निर्णय पर निर्भर नहीं रह सकता है.

पीएम शरीफ ने बताया, देश के लिए नई किरण

संसद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा, ‘न्यायपालिका से ही उठ रही बदलाव की आवाज निश्चित तौर पर देश के लिए उम्मीद की किरण है. रिपोर्ट के अनुसार, शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ने न्यायपालिका पर “बेंच फिक्सिंग” का आरोप लगाया है. इस विधेयक में मुख्य न्यायाधीश से स्वत: संज्ञान लेने की शक्तियों को तीन वरिष्ठ न्यायाधीशों वाली तीन सदस्यीय समिति को स्थानांतरित करना शामिल है. इसके अलावा, बिल में निर्णय को चुनौती देने के अधिकार के संबंध में एक खंड शामिल है जिसे 30 दिनों के अंदर दाखिल किया जा सकता है और दो सप्ताह के समय में सुनवाई के लिए तय किया जाएगा.

सवाल उठाने वालों ने क्या कहा

विधेयक के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रत्येक खंड, अपील या मामले को पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश और दो वरिष्ठ न्यायाधीशों वाली समिति की ओर से गठित पीठ के जरिये सुना और निपटाया जाएगा. “वन-मैन शो” चलाने के खिलाफ अपने विचार व्यक्त करते हुए, न्यायमूर्ति शाह और न्यायमूर्ति मंडोखिल ने जोर देकर कहा कि इसका परिणाम एक व्यक्ति के हाथों में शक्ति की एकाग्रता में होता है, जिससे सिस्टम शक्ति के दुरुपयोग के लिए अतिसंवेदनशील हो जाता है.

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By jaghit

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