Pak Reaction over S Jaishankar Statement: पाकिस्तान (Pakistan) ने भारत (India) के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) की एक टिप्पणी को लेकर न सिर्फ आपत्ति जताई है, बल्कि तिलमिलाहट जाहिर की है. केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार (1 अक्टूबर) को गुजरात (Gujarat) के वड़ोदरा (Vadodara) में एक कार्यक्रम में कहा था कि जिस प्रकार भारत आईटी (Information Technology) क्षेत्र में विशेषज्ञ है उसी तरह पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद (International Terrorism) में विशेषज्ञ है.
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ”हमारा एक पड़ोसी है. जैसे हम आईटी में एक्सपर्ट हैं. वे अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद में विशेषज्ञ हैं.” उन्होंने कहा, ”यह वर्षों से चला आ रहा है लेकिन हम दुनिया को समझा सकते हैं कि आतंकवाद, आतंकवाद है. आज यह हमारे खिलाफ किया जा रहा है, कल यह आपके खिलाफ होगा.”
उन्होंने कहा कि दुनिया की आतंकवाद को लेकर समझ पहले के मुकाबले बदल गई है, यह अब और बर्दाश्त नहीं कर रही है. आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहे देश दबाव में हैं और आगे के लिए अनिच्छुक हैं.
क्या कहा पाकिस्तान ने
विदेश मंत्री के इस बयान पर पाकिस्तान ने किस कदर बौखलाहट जाहिर की, यह उसकी जवाबी टिप्पणी से समझा जा सकता है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता आसिम इफ्तिखार अहमद ने जयशंकर के बयान को खारिज करते हुए इसे अत्यधिक गैर जिम्मेदाराना और निंदनीय टिप्पणी करार दिया.
आसिम इफ्तिखार अहमद ने आरोप लगाया कि भारत के विदेश मंत्री की टिप्पणी अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने के लिए है. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत आतंकवाद के संबंध में तथ्यों को गढ़ रहा है और अपने प्रायोजित आतंकवाद को छिपाने के लिए पड़ोसियों पर उंगली उठा रहा है. पाकिस्तान ने बौखलाहट में भारत को मानवाधिकारों का सीरियल उल्लंघनकर्ता बता डाला.
दुनिया की शांति में पाक ने बताया अपना योगदान
यही नहीं, इसी बहाने पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर का राग अलापा. वहीं, पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और दुनिया की शांति में अपना योगदान बताने लगा. उसने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी यह बात व्यापक रूप से स्वीकार करता है. हद तो तब हो गई जब पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान किया कि भारत को आतंकी संगठनों के संरक्षण और पड़ोसी देशों में अशांति फैलाने के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.
उसने कहा कि पाकिस्तान एकमात्र ऐसा देश है जिसने शत्रुतापूर्ण मंशा वाले तत्वों और उसके खिलाफ चलाए जा रहे आतंक को रोका है. उसने आरोप लगाया कि भारत अपने क्षेत्र और अन्य देशों से पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद का समर्थन करने में शामिल रहा है.
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