Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान की आर्थिक हालत ठीक नहीं है इसलिए वहां के पीएम शहबाज शरीफ जेनेवा आए हुए हैं. यहां पर उन्होंने यूएन और बाकी देशों से अपनी आर्थिक हालत का हवाला देते देश चलाने के लिए और पैसे की मांग की. उन्होंने यूएन में कहा कि उनेक देश को बीते साल आई बाढ़ ने बर्बाद कर दिया.
उन्होंने यूएन में पिछले साल आई बाढ़ का हवाला दिया और यूएन से इस आधार पर रिलीफ फंड की मांग की. पाकिस्तान में इस समय महंगाई चरम पर है जिस वजह से रात को न बिजली मिल रही है और न बहुत लोगों के पास खाने का भी इंतजाम नहीं हो पा रहा है. पाकिस्तान को कर्ज से उबारने के लिए 16 अरब डॉलर से भी अधिक के पैसे की जरूरत है.
बाढ़ से पाकिस्तान में प्रभावित हुए थे 30 मिलियन लोग
इस सम्मेलन में यूएन महासचिव एंटोनियो गुतारेस भी थे. पाकिस्तान के पीएम ने और पैसों की मांग करते हुए कहा कि 2022 में आए मानसून ने पाकिस्तान में 30 मिलियन से भी अधिक लोगों को प्रभावित किया और 8 मिलियन से अधिक लोगों को विस्थापित कर दिया. उन्होंने कहा कि पिछले साल आई बाढ़ में 1700 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.
पाकिस्तान में चरम पर है महंगाई
जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने भी दुनिया के देशों से कंगाल हो चुके पाकिस्तान को मदद देने की अपील की. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक पाकिस्तान में गेहूं का स्टॉक खत्म होने की कगार पर है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कमोडिटी के लिए संकट काफी गहरा गया है. इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए प्रांतीय मंत्री ने कहा कि बलूचिस्तान को गेहूं का आवश्यक स्टॉक नहीं मिला है.