America: अमेरिकी अंतरिक्ष संस्था नासा ने एक बार फिर अपने मून मिशन को लेकर एलान किया है. खास बात यह है कि नासा ने यह मिशन पचास साल बाद तय किया है. सोमवार को नासा ने एलान किया कि 50 साल बाद चार अंतरिक्ष यात्री चांद पर जाएंगे. दिलचस्प बात यह है कि इनमें एक महिला भी शामिल रहेगी. साथ ही एक अश्वेत अंतरिक्ष यात्री को भी मौका मिलने जा रहा है.
नासा के मुताबिक चार अंतरिक्ष यात्रियों में क्रिस्टीना कोच पहली ऐसी महिला होंगी, जो चांद के करीब जाएंगी. दरअसल, इस मून मिशन के अंतर्गत जाने वाले यात्री चांद पर उतर नहीं सकेंगे. हालांकि यह मिशन आने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के लिए बेहद कारगर साबित होगा. इस मिशन की मदद से भविष्य में जाने वाले यात्रियों की लैंडिंग का रास्ता आसान होगा.
अनुमान है कि नासा का यह मिशन साल 2024 के अंत में या फिर साल 2025 की शुरुआत में लॉन्च होगा. इस ऐतिहासिक मिशन में शामिल पहली महिला और पहले अश्वेत अंतरिक्ष यात्री रीड विस्मैन और जेरेमी हैनसेन के साथ रवाना होंगे. गौरतलब है कि इससे पहले केवल पुरुष अंतरिक्ष यात्री ही चंद्रमा की कक्षा या फिर सतह तक पहुंचे हैं. पहली बार ऐसा हो रहा है कि महिला अंतरिक्ष यात्री भी चंद्रमा की कक्षा में पहुंचेगी.
Meet the first member of our #Artemis II Moon crew: mission specialist @Astro_Christina!
Christina Koch visited the @Space_Station in 2019, where she took part in the first all-woman spacewalk. She began her career as an electrical engineer at @NASAGoddard. pic.twitter.com/mi82SayXUm
— NASA (@NASA) April 3, 2023
नासा ने 1972 में लॉन्च किया था मिशन
ह्यूस्टन, टेक्सास में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान नासा ने चारों अंतरिक्ष यात्रियों को सबके सामने पेश किया. साथ ही इस मिशन की जानकारी दी. नासा के मुताबिक मून मिशन में शामिल अंतरिक्ष यात्रियों में तीन यात्री अमेरिकी नागरिक हैं तो एक कनाडा के हैं. मिशन के लिए खुद को तैयार करने के लिए ये अंतरिक्ष यात्री अब कठिन ट्रेनिंग की शुरुआत करेंगे. बता दें कि नासा ने इससे पहले 1972 में अपोलो मिशन लॉन्च किया था. इसके बाद दोबारा कोई इंसान चांद पर नहीं उतरा.
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