Covid-19 Scam: आईएएस अफसर संजीव जायसवाल शुक्रवार (30 जून) को प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुए. उन्हे कोरोना महामारी के दौरान कथित कोविड फील्ड हॉस्पिटल घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था. ईडी ने 21 जून को संजीव जायसवाल के घर पर सर्च अभियान चलाया था, जिसमें उनके पास से अकूत संपत्ति की जानकारी मिली थी.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, तलाशी के दौरान ईडी को आईएएस संजीव जायसवाल और उनकी पत्नी के पास 34 करोड़ रुपये मूल्य की 24 संपत्तियों की जानकारी मिली थी. इसके साथ ही 15 करोड़ रुपये की एफडी के बारे में भी पता चला था. ईडी को 5 करोड़ रुपये की एक संदिग्ध एफडी भी मिली है, जो संजीव कौशल के परिवार के सदस्यों ने साल 2020 में कोरोना महामारी के दौरान बनवाई थी.
8 घंटे से ज्यादा चली पूछताछ
संजीव जायसवाल को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था. शुक्रवार को ईडी के दक्षिण मुंबई स्थित ऑफिस में पहुंचे थे. जायसवाल से ईडी ने करीब 8 घंटे तक पूछताछ की. वह सुबह करीब 11.30 बजे ईडी के दफ्तर पहुंचे थे और देर उन्हें ऑफिस से बाहर निकलते देखा गया.
ईडी दफ्तर के बाहर पत्रकारों से उन्होंने बताया, “मैं आज यहां पूछताछ के लिए आया हूं. पहले मैं नहीं आ सका क्योंकि मेरी तबीयत ठीक नहीं थी और मेरे पास बीएमसी फाइलें भी नहीं थीं. ईडी ने जो भी पूछा मैंने हर बात का जवाब दिया और उन्हें आश्वासन दिया कि मेरा पूरा सहयोह ईडी के साथ है.”
आईएएस ने बताया- गिफ्ट में मिली प्रॉपर्टी
इंडिया टुडे ने ईडी के हवाले से लिखा है कि संजीव जायसवाल ने जांच एजेंसी को बताया कि 34 करोड़ की संपत्तियां उनके ससुर ने उन्हें और उनकी पत्नी को गिफ्ट में दी थीं. जायसवाल के ससुर रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट हैं. जायसवाल ने ये भी बताया कि एफडी भी उनके ससुर ने ही उनकी पत्नी को गिफ्ट की थी.
21 जून को जांच एजेंसी ने आईएएस अधिकारी संजीव जायसवाल समेत कुछ लोगों से जुड़े 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी. भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1996 बैच के अधिकारी, जायसवाल वर्तमान में महाराष्ट्र आवास और क्षेत्र विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं. जब कथित कोविड-19 जंबो सेंटर घोटाला हुआ था तब वह बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) में अतिरिक्त नगर आयुक्त थे।
ईडी ने छापे के दौरान लगभग 2.4 करोड़ रुपये के आभूषण, 68 लाख रुपये नकद और संपत्ति से संबंधित दस्तावेज बरामद किए. तलाशी के दौरान ईडी अधिकारियों को जायसवाल के परिवार के सदस्यों के नाम पर विभिन्न संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे.
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