Mallikarjun Kharge Slams Modi Government Asked How LIC Money Is Being Wasted Will Discuss Scams In Parliament | अडानी को लेकर हमलावर विपक्ष! पवन खेड़ा बोले

Opposition On Central Government:  राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही को विपक्ष के भारी हंगामे के बीच दोपहर 2 बजे तक स्थगित (Lok Sabha and Rajya Sabha Adjourned) कर दिया गया है. अब विजय चौक पर विपक्षी दलों के तमाम नेताओं ने केंद्र के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस की. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) और पवन खेड़ा (Pawan Kheda) ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है. खरगे का कहना है कि तमाम विपक्षी नेता उनके साथ हैं. देश में जो आर्थिक घोटाले हो रहे हैं, उसे सदन में उठाना हमारा मकसद है इसलिए विपक्ष ने सदन में नोटिस दिया था. 

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वह तमाम घोटालों पर चर्चा चाहते हैं, लेकिन विपक्ष के नोटिस को खारिज कर दिया जाता है. जब विपक्ष महत्वपूर्ण मुद्दे उठाता है तो उन पर चर्चा के लिए समय नहीं दिया जाता. एलआईसी, एसबीआई और अन्य राष्ट्रीय बैंकों में गरीब लोगों का पैसा है और इसे चुनिंदा कंपनियों को दिया जा रहा है. 

‘सदन में उठाएंगे LIC का मुद्दा’

खरगे ने कहा कि या तो एक संयुक्त संसदीय समिति या सुप्रीम कोर्ट के CJI की देखरेख में एक टीम इसकी जांच करे. एलआईसी (LIC), एसबीआई (SBI) सहित अन्य सरकारी संस्थानों में जो लोगों का पैसा है उसकी जांच होनी चाहिए और इसकी प्रतिदिन रिपोर्ट जनता के सामने रखी जानी चाहिए. विपक्ष ने तय किया है कि सदन में इस पर चर्चा करेंगे कि जिनका पैसा एलआईसी में है, वो कैसे बर्बाद हो रहा है. लोगों का पैसा चंद कंपनियों को दिया जा रहा है. 

दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित 

दरअसल,  देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने बुधवार (1 फरवरी) को वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश किया था. आज संसद के दोनों सदनों में इस बजट पर चर्चा का सत्र आयोजित किया गया था. विपक्ष के भारी हंगामे के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया. विपक्ष ने बजट को भी अवसरवादी और गरीबों के विपक्ष में बताया है. 

पवन खेड़ा का तीखा तंज 

वहीं, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा (Pawan Kheda) ने कहा कि नियम कायदों की उपेक्षा कर बीस साल की मेहनत से पीएम मोदी ने एक गुब्बारा फुलाया और वो फुस्स हो गया. उन्होंने तीखा तंज कसते हुए कहा कि पीएम मोदी अडानी के उपदेशक (Mentor) हैं इसलिए वह एकदम चुप हैं जबकि यय एलआईसी के हजारों निवेशकों का सवाल है. अडानी की कंपनियों पर एलआईसी मेहरबान है. 

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By jaghit