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Maharashtra Shivsena Saamna: शिवसेना के मुखपत्र सामना ने मोदी सरकार पर तंज कसा है. सामना में सरकार के मेरी माटी, मेरा देश कार्यक्रम को टारगेट करते हुए कहा, ‘इस देश की मिट्टी हिंसा की वजह से जल रही है, ऐसे समय में पीएम को अपना प्रचार करने की बजाए विपक्ष पर लगाम लगाने के बावजूद आतंकियों और उग्रवादियों को जेल में डालने की जरूरत है.’

सामना में कहा, पीएम मोदी जहां पांच राज्यों के चुनाव प्रचार में जुटे हैं, वहीं जम्मू कश्मीर में खून-खराबा, हत्या और हिंसा भड़की हुई है. 24 घंटे में तीसरा आतंकी हमला हुआ है. श्रीनगर में अपने बेटे के साथ क्रिकेट खेल रहे इंस्पेक्टर मसरूर अहमद को आतंकियों ने गोलियों से भून दिया. इसके अलावा पुलवामा में आतंकियों ने 
एक मजदूर मुकेश कुमार की हत्या कर दी. 

क्या कश्मीर में फिर शुरू हो गई टारगेट किलिंग?
शिवसेना के मुखपत्र सामना में सरकार से सवाल किया गया है कि क्या कश्मीर में एक बार फिर से टारगेट किलिंग शुरू हो गई. क्या फिर से वहां पर उग्रवादी फिर से आजाद होकर घूमने लगे हैं. पिछले चार महीनों में पच्चीस से ज्यादा सैन्य अधिकारियों को आतंकवादियों के हाथों अपनी जान गंवानी पड़ी. कई इलाकों में आतंकी हमले हुए. पाकिस्तान सीमा पार से रोजाना सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है. 

कश्मीर में आतंकी अचानक कहीं से आते हैं और अंधाधुंध फायरिंग कर गायब हो जाते हैं. इसलिए सरदार पटेल को आदर्श मानकर काम करनेवाली मोदी सरकार का लोहा कश्मीर के बर्फ की तरह पिघल गया है. सामना में मोदी सरकार पर तंज कसा गया कि सरकार राजनीतिक विरोधियों को जेल में डालने और चुनाव प्रचार में लगी हुई है जबकि जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र और मणिपुर जल रहा है.

पीएम मोदी पर छोड़े सियासी तीर
सामना में कहा गया है कि केरल में बम विस्फोट हुआ, जिसमें दो की मौत और ५० लोग घायल हुए. केरल में बीजेपी की सरकार नहीं है इसलिए बीजेपी ने केरल में हुए आतंकी हमले पर हंगामा खड़ा कर दिया है, लेकिन यही लोग मणिपुर, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र पर चुप हैं. कश्मीर घाटी में आतंकियों का दुस्साहस बढ़ गया है. 

2014  से कश्मीरी जनता से किए गए वादों का क्या हुआ? कश्मीरी पंडितों की घर वापसी तो हुई ही नहीं, उलटे उनकी हालत और भी खराब हो गई है. घाटी का व्यापार, उद्योग, लेन-देन आज भी सुचारु नहीं है. इंटरनेट सेवा बंद है. संचार पर पाबंदी है. धारा-370 हटाने के बाद से न ही यहां के युवाओं को काम मिला, न ही वहां नए उद्योग-धंधे आए. आज भी वहां पर सेना के भरोसे थोड़ी बहुत कानून-व्यवस्था कायम है.

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By jaghit

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