Adi Shankaracharya Jayanti 2023: श्रीनगर के ऐतिहासिक शंकराचार्य मंदिर में आदि शंकराचार्य जयंती की पूर्व संध्या पर कश्मीर घाटी फिर से वैदिक मंत्रोच्चारण से गूंज उठेगी. देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने और ‘एक भारत मजबूत भारत’ की भावना के साथ-साथ शांतिपूर्ण कश्मीर को बढ़ावा देने के लिए शंकराचार्य जयंती में देशभर के संत शामिल होंगे.
जम्मू-कश्मीर सरकार ने 25 अप्रैल, 2023 को मनाई जाने वाली शंकराचार्य जयंती के समारोह के लिए व्यापक तैयारी शुरू कर दी है. आयोजकों में से एक बेंगलुरु के बेलूर लक्ष्मीनारायण ने कहा, “धर्म” और शांतिपूर्ण भारत की स्थापना के उद्देश्य से स्थानीय प्रशासन और कश्मीरी हिंदुओं के विभिन्न धार्मिक और सामाजिक समूहों के सहयोग से कार्यक्रम आयोजित किया जाता है.
देशभर से लोग होंगे शामिल…
आयोजकों के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन दोनों को बड़ी प्रतिक्रिया की उम्मीद है क्योंकि देशभर से लोग श्रीनगर के ऐतिहासिक शंकराचार्य मंदिर में समारोह में शामिल होंगे. शंकराचार्य जयंती को सनातन धर्म में महत्वपूर्ण उत्सवों में से एक माना जाता है जो 8वीं शताब्दी के भारतीय दार्शनिक और धर्मशास्त्री आदि शंकर जी के जन्म के दिन को चिह्नित करता है.
प्राचीन द्रष्टा श्री आदि गुरु शंकराचार्य ने अपना संपूर्ण सांसारिक जीवन त्याग दिया था और अपनी तपस्या के माध्यम से खुद को धर्म की स्थापना के लिए समर्पित कर दिया था. आयोजकों में से एक ने कहा, शंकराचार्य जयंती के दिन भारत के सभी महान संतों के सम्मान में हम एक मजबूत शांतिपूर्ण राष्ट्र और धर्म की पुन: स्थापना के लिए प्रार्थना करते हैं”
क्षतिग्रस्त होने के बाद…
शंकराचार्य मंदिर का निर्माण 200 ईसा पूर्व में श्री आदि गुरु शंकराचार्य के यहां आने और ध्यान करने के बाद किया गया था. लेकिन क्षतिग्रस्त होने के बाद, गोपकर वंश के संस्थापक राजा गोपादित्य द्वारा 371 ईसा पूर्व में इसका जीर्णोद्धार कराया गया. आज ये जम्मू-कश्मीर धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा बनाए रखा है और समुद्र तल से 6095 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित स्मारक है.
मौके पर समीक्षा करते हुए, उपायुक्त श्रीनगर एजाज असद ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि वे शंकराचार्य जयंती के दौरान जबरवान पहाड़ियों की चोटी पर शंकराचार्य मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए सभी बुनियादी व्यवस्था सुनिश्चित करें. डीसी ने मंदिर के चारों ओर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय करते हुए श्रद्धालुओं के लिए परेशानी मुक्त यातायात सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.
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