Indian Air Force Sword Arm Squadron With MiG-21 Bison Fighter Jets Is Set To Retire On 31st September

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MiG-21 Squadron Sword Arms Set To Retire: श्रीनगर (Srinagar) के अवंतीपुरा स्थित मिग-21 (MiG 21) बाइसन लड़ाकू विमानों वाली ‘स्वार्ड आर्म’ स्क्वाड्रन (Sword Arm Squadron) 30 सितंबर को रिटायर हो रही है. साल 2019 में बालाकोट एयर स्ट्राइक (Balakot Air Strike) के बाद पाकिस्तानी वायुसेना (Pakistani Air Force) के साथ हुई डॉग फाइट में विंग कमांडर (अब ग्रुप कैप्टन) अभिनंदन ने अपने बाइसन फाइटर जेट से अमेरिकी एफ-16 फाइटर जेट को मार गिराया था. विंग कमांडर अभिनंदन उस वक्त इसी स्वार्ड आर्म स्कावड्रन में तैनात थे. 

उनकी बहादुरी के लिए सरकार ने विंग कमांडर को वीर चक्र से नवाजा था. हालांकि, अब ग्रुप कैप्टन अभिनंदन किसी दूसरे एयर बेस में तैनात हैं जिसके बारे में वायुसेना ने कभी आधिकारिक तौर से उजागर नहीं किया है. स्वार्ड आर्म के रिटायरमेंट के बाद भी भारतीय वायुसेना में मिग21 फाइटर जेट की तीन (03) स्कावड्रन रह जाएंगी जो अगले 2-3 साल तक सेवारत रहेंगी.

चार दशक पहले बना वायुसेना का हिस्सा

मिग-21 जेट को चार दशक पहले भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था और इनमें से कई विमान दुर्घटनाओं का शिकार हो गए थे. हांलाकि, सोवियत काल के रूसी लड़ाकू विमान पिछले कई वर्षों में हुई दुर्घटनाओं और पायलटों की मौत के कारण खबरों में रहे हैं. सूत्रों की मानें तो, इन विमानों की दुर्घटनाओं के पीछे इसकी उम्र एक कारक है, लेकिन हम रिपोर्ट पढ़ते हैं कि एक आधुनिक विमान भी दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है. मौसम सहित कई कारकों के कारण दुर्घटना हो सकती है. 

करगिल युद्ध में लिया भाग

सूत्रों की मानें तो श्रीनगर बेस्ड 51 स्क्वाड्रन, जिसे ‘स्वॉर्ड आर्म्स’ के रूप में भी जाना जाता है, योजना के अनुसार रिटायर हो रहा है. उन्होंने कहा कि पुराने बेड़े भी संचाल में थे क्योंकि नए विमानों का इंतजार किया जा रहा था. श्रीनगर बेस्ड 51 स्क्वाड्रन भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के एक डेकोरेटिव स्क्वाड्रनों में से एक है और इसने1999 में ऑपरेशन सफेद सागर (कारगिल युद्ध) के दौरान भाग लिया था. 

भारत रक्षक वेबसाइट के अनुसार, “इसे एक वायुसेना पदक और तीन मेंशन-इन-डिस्पैच से इसके प्रभावी योगदान के लिए सम्मानित किया गया है. ऑपरेशन पराक्रम के दौरान, स्क्वाड्रन को कश्मीर घाटी की वायु रक्षा का काम सौंपा गया था. इसे 1985 में चंडीगढ़ में स्थापित किया गया था. वेबसाइट के अनुसार, राष्ट्र के लिए अपनी मेधावी और गौरवशाली सेवा के लिए इसकी स्थापना के बाद से स्क्वाड्रन को 2018 में राष्ट्रपति के मानकों से सम्मानित किया गया था.

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By jaghit