India China Trade: चीन-भारत व्यापार में बढ़ोतरी की खबरों के बीच केंद्र सरकार अब चीन से मेडिकल इम्पोर्ट घटाने की तैयारी कर रही है. आने वाले समय में MRI और अल्ट्रासोनिक जैसे इक्विपमेंट्स जापान से इम्पोर्ट किए जाएंगे.
ग्लोबल एक्सपर्ट्स के मुताबिक, भारत सरकार ने यह फैसला क्वाड देशों की बैठक के बाद लिया है. क्वाड में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं. चीन इस अलायंस को अपने खिलाफ मानता है. वहीं, चीन से मेडिकल इम्पोर्ट घटाने के भारत सरकार के फैसले को ग्लोबल एक्सपर्ट ने सराहा है. उनका मानना है कि ऐसा करके भारत ने मेडिकल डिप्लोमेसी के जरिए एक तीर से दो निशाने साधे हैं.
चीन पर निर्भरता घटेगी, जापान से बढ़ेगी खरीद
दरअसल, मेडिकल इक्विपमेंट्स के लिए चीन पर निर्भरता घटाने और इसका बड़ा हिस्सा जापान से इम्पोर्ट करने पर चीनी कंपनियों को करोड़ों डॉलर का नुकसान होगा. अभी के वक्त में भारत का चीन से अरबों डॉलर का व्यापार होता है और दोनों देश कई बार बड़े ट्रेड पार्टनर रहे हैं. केवल मेडिकल इंपोर्ट की बात करें तो भारत में चीन से 900 मिलियन डॉलर (7,380 करोड़ रु.) के इक्विपमेंट्स आ रहे हैं.
मेडिकल टेक्नोलॉजी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार, मेडिकल इक्विपमेंट्स की प्रमुख श्रेणी में 2020-21 में चीन से इम्पोर्ट 327 मिलियन डॉलर (2,681 करोड़ रु.) था, जो बढ़कर 515 मिलियन डॉलर (4,223 करोड़ रु.) पहुंच गया. मगर, अब आगे से इसमें बढ़ोत्तरी नहीं होगी.
सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर रह चुका है चीन
2021-22 के दरम्यान भारत और चीन दोनों देशों में 115 अरब डॉलर से ज्यादा का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था, जिसमें भारत का व्यापारिक घाटा काफी ज्यादा (-72.91) था. ऐसा पिछले कई सालों से हो रहा है. वहीं, एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने वित्तीय वर्ष 2021-2022 में लगभग 422 बिलियन डॉलर का माल निर्यात किया और उसी वित्तीय वर्ष में लगभग 250 बिलियन डॉलर का सर्विस एक्सपोर्ट भी किया.
यह भी पढ़ें: गरीब देशों की कॉन्फ्रेंस में शामिल होंगे शहबाज शरीफ, जानें क्यों कंगाल पाकिस्तान को LDC5 से भी है आर्थिक राहत की आस