Dysthymic Disorder: गुस्सा हर किसी को आता है. आप, हम, बच्चे बूढ़े… दुनिया के हर इंसान को गुस्सा आना स्वभाविक है. ये एक तरह का इमोशन होता है. जब हम किसी चीज को ना पसंद करते हैं तो स्वाभाविक रूप से ऐसी गुस्सैल प्रतिक्रिया हो जाती है. लेकिन हर बात पर गुस्सा आना या चिड़चिड़ करने लगते हैं तो ये नजरअंदाज करने वाली बात नहीं है. ऐसा होना आपके मानसिक स्वास्थ्य के कमजोर होने की तरफ इशारा करता है. इसे डिस्थिमिया कहते हैं.आईए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में सबकुछ.
क्या है डिस्थीमिया?
डिस्थीमिया को मेडिकल भाषा में परसिस्टेंस डिप्रेसिव डिसऑर्डर भी कहा जाता है.ये एक तरह का क्रॉनिक डिप्रेशन है.अगर वक्त पर इस पर ध्यान ना दिया जाए तो व्यक्ति की हालत गंभीर हो सकती है.इस समस्या में व्यक्ति हर वक्त निराशा महसूस करता है. हर वक्त मूड खराब रहता है. बात-बात पर गुस्सा आता है.ये सालों साल रह सकता है.इस समस्या से पीड़ित लोग कोई भी चीज बहुत लॉन्ग टाइम तक इंजॉय नहीं करते हैं.अकेला रहना पसंद करते हैं.इस स्थिति में इंसान कभी खुश नहीं रहता है और अचानक बिहेवियर में बदलाव देखने को मिलता है
क्या हैं इसके लक्षण?
- मूज डिस्टर्बेंस
- दिन में उदास रहना
- लो मूड
- उर्जा की कमी
- निराशा
- थकान
- एकाग्रता में कमी
- बात-बात पर गुस्सा
- किसी भी काम में मन ना लगना
- निर्णय लेने में कठिनाई
- दोषि महसूस करना
- भूख ना लगना
डिस्थीमिया के कारण क्या है?
डिस्थीमिया की समस्या का सटीक कोई कारण अब तक पता नहीं चला है. हालांकि डॉक्टर का मानना है कि इन स्थितियों के लिए कुछ कारक जिम्मेदार होते हैं. जैसे अपनी नौकरी से संतुष्ट न होना, तनाव से भरा जीवन, ब्रेकअप से गुजरना, फाइनेंशियल क्राइसिस, मस्तिष्क की सर्किटरी और संतुलित हो जाना, ब्रेन केमिस्ट्री इंबैलेंस, जैसे सेरोटोनिन या डोपामाइन की कमी.
क्या है इसका इलाज?
किसी भी तरह के अवसाद से निपटने के लिए जीवनशैली में बदलाव करना बहुत जरूरी है अगर आप डिसथीमिया से जूझ रही है तो सबसे पहले हेल्दी और दिमाग के लिए फायदेमंद डाइट का सेवन करें रोजाना एक्सरसाइज और मेडिटेशन करें स्ट्रेस मैनेजमेंट करना बहुत जरूरी है शराब और स्मोकिंग से दूरी बनाना जरूरी होता है.दावा और मनोचिकित्सा के सहायता से आप ठीक हो सकते हैं.