Delhi Riots: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 के दिल्ली दंगों के मामले में नौ लोगों को दोषी ठहराया है. कोर्ट ने कहा कि आरोपी व्यक्ति एक अनियंत्रित भीड़ का हिस्सा थे. इस भीड़ का उद्देश्य एक समुदाय विशेष के व्यक्तियों की संपत्तियों को अधिकतम नुकसान पहुंचाना था.
यह मामला दंगों के दौरान गोकुलपुरी इलाके में दंगे, आगजनी और तोड़फोड़ से जुड़ा है. कोर्ट ने मोहम्मद शाहनवाज उर्फ शानू, मोहम्मद शोएब उर्फ छुटवा, शाहरुख, राशिद उर्फ राजा, आजाद, अशरफ अली, परवेज और मोहम्मद फैसल को दोषी करार दिया.
शिकायतकर्ता ने क्या बताया?
राशिद उर्फ मोनू के खिलाफ दंगा, चोरी, आगजनी करके उपद्रव करने, संपत्तियों को आग लगाकर नष्ट करने और अवैध जमावड़े से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि 24 फरवरी, 2020 को दोपहर करीब 1 से 2 बजे जब वह शिव विहार तिराहा रोड के चमन पार्क अपने घर पर मौजूद थे तो उसकी गली में पथराव हुआ. गली में एक भीड़ थी, जो उसके घर का गेट तोड़ने की कोशिश कर रही थी. उसने अपने पति को फोन किया, जो कि ड्यूटी पर थे. वो आए और उसे सुरक्षित स्थान पर ले गए फिर गेट पर ताला लगा दिया.
क्या मामला है?
ऐसा आगे आरोप है कि 24-25 फरवरी की रात के दौरान भीड़ ने उसके घर के पिछले गेट को तोड़ दिया और उसमें पड़ा सामान लूट लिया. शिकायत में कहा गया है कि उन्होंने घर को भी क्षतिग्रस्त कर दिया और ऊपरी मंजिल पर उसके कमरे में आग लगा दी. जांच के दौरान सीसीटीवी कैमरों, सोशल मीडिया पर वायरल फुटेज और सार्वजनिक गवाहों की मदद से अपराध में शामिल अन्य व्यक्तियों की पहचान करने का प्रयास किया गया.
जांच अधिकारी (IO) को पता चला कि आरोपी व्यक्ति वर्तमान मामले की घटना में शामिल थे. जैसे कि मोहम्मद शाहनवाज, मोहम्मद शोएब, शाहरुख, राशिद, आजाद, अशरफ अली, परवेज और मोहम्मद. फैसल और राशिद को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था. आईओ ने आरोपी व्यक्तियों से पूछताछ कर मामले में गिरफ्तार किया था.
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