Delhi Police Special Staff Of Northern District Has Exposed An International Gang Involved In Cheating Through Forex Cards Ann

Delhi Crime News: उत्तरी जिला के स्पेशल स्टाफ ने फॉरेक्स कार्ड के जरिये ठगी करने वाले एक इंटरनेशनल गैंग का खुलासा किया है. पुलिस ने इस संबंध में इस गैंग के दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपियों की पहचान सोनल (25) और पारस चौहान (36) के रूप में हुई है. पुलिस ने आरोपियों के पास से 7 मोबाइल फोन, 2 सिम कार्ड, 2 वाईफाई डोंगल, 1 वाईफाई राउटर, ठगी की रकम से खरीदी दो लग्जरी कारें बरामद की हैं. ये गैंग सवा करोड़ रुपये की ठगी कर चुका था.

यूं शुरू हुआ ठगी का सिलसिला

पुलिस के अनुसार पारस वर्ष 2019 में आईसीआईसीआई बैंक में कार्यरत था. उस समय वो बैंक में फॉरेक्स कार्ड का कस्टोडियन था. उसके पास फॉरेक्स कार्ड धारकों का डेटा था. सोनल उसका दोस्त है. उसने ये डेटा सोनल को दे दिया. इसके अलावा पारस ने सोनल को बिना नाम के फॉरेक्स कार्ड भी इश्यू कर दिए.

सोनल ने ग्राहकों के डेटा के आधार पर उनके कार्ड से रकम को बिना नाम के फॉरेक्स कार्ड में ट्रांसफर करवा लिया. इसके बाद उसने बैंकाक, दुबई और हांगकांग जाकर रकम निकाल ली. छानबीन के दौरान पुलिस को पता ये भी चला है कि आरोपी सोनल ने पारस के साथ मिलकर करीब 1.25 करोड़ की रकम को हवाला और सट्टा रैकेट के जरिये भारत भेजा था.

ठगी के इस गोरखधंधे में संदीप ओझा नामक युवक भी शामिल है. वो इस गैंग के लिए सिम कार्ड का इंतजाम करने के अलावा बैंक में कॉल कर असली ग्राहकों के मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी बदलने का काम करता था. छानबीन के दौरान पता चला है कि सोनल ने कई देशों में जाकर इसी तरह से रकम निकाली है.

ऐसे हुआ ठगी की वारदात का खुलासा

उत्तरी जिला के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि सिविल लाइंस निवासी एक महिला ने शिकायत करते हुए बताया कि उन्हें वर्ष 2019 में यूके जाना था. महिला का खाता आईसीआईसीआई बैंक में था. उसने अपने बैंक से फॉरेक्स कार्ड की डिमांड की. महिला के आग्रह पर बैंक ने उसे फॉरेक्स कार्ड इश्यू कर दिया. बाद में महिला ने उसमें 11 लाख रुपये मूल्य की विदेशी करेंसी डलवा ली. उसी समय कोविड आ गया.

महिला विदेश नहीं जा पाई. वर्ष 2022 में यही महिला यूके पहुंची. वहां उसने जब अपने फॉरेक्स कार्ड का इस्तेमाल किया तो कैश विड्रॉल नहीं हुआ. उन्होंने जब इस संबंध में बैंक से बात की तो पता चला कि उनके फॉरेक्स कार्ड से सारी रकम निकाल ली गयी है. ये सुनते ही पीड़िता हैरान रह गयीं.

पीड़िता ने जैसे-तैसे वहां अपना काम चलाया. बाद में वो जब भारत लौटी तो उन्होंने बैंक और पुलिस दोनों से शिकायत की. पुलिस ने महिला की शिकायत पर बैंक जाकर पड़ताल की तो पता चला कि इसी तरह से ठगी के और मामले हुए हैं, कुल 64.05 लाख की ठगी की गई है. पुलिस ने 12 दिसंबर 2022 को महिला की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी.

यूं पकड़े गए आरोपी

पुलिस ने छानबीन शुरू की. टेक्निकल सर्विलांस की मदद ली गयी. जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों ने तीन साल के दौरान चार देशों में जाकर रकम निकाली है. पुलिस ने ठगी का शिकार हुए सभी फॉरेक्स कार्ड होल्डर के डेटा बैंक से हासिल किया. इसके बाद कॉल डिटेल और सीडीआर खंगाली. बिना नाम के फॉरेक्स कार्ड से लिंक मोबाइल नंबरों की लोकेशन का पता किया गया.

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि जो भी व्यक्ति इन नंबरों का इस्तेमाल कर रहा है, वो अक्सर विदेश आता-जाता है. पुलिस ने जानकारी जुटाने के बाद सोनल नामक मुख्य आरोपी को पश्चिम विहार से पकड़ा. इसके बाद आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व कर्मचारी पारस को उत्तर-पूर्वी दिल्ली से पकड़ा गया. दोनों ने ठगी करने की बात स्वीकार की.

ऐसे करते थे ठगी

पुलिस के अनुसार वर्ष 2019 में आईसीआईसीआई बैंक में काम करने वाला पारस बीबीए की पढाई किये हुए है. वो सोनल को फॉरेक्स कार्ड इश्यू करता था. सोनल अपने साथी संदीप ओझा की मदद से फर्जी पतों पर मोबाइल सिम कार्ड इश्यू करवाकर बैंक के कस्टमर केयर अधिकारियों को कॉल करता था. बैंक से विदेश में होने की बात कह कर बैंक खाते से जुड़े मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी को बदलने का आग्रह किया जाता था.

बैंक कस्टमर की कुछ जरूरी जानकारी पूछकर इसको बदल दिया करता था. इसके बाद आरोपी कार्ड में खराबी आने की बात कह कर बिना नाम के कार्ड में रकम ट्रांसफर करवा लेते थे. सोनल चुपचाप विदेश यात्रा कर रकम को वहां के एटीएम से निकाल लेता था. बाद में इस रकम को हवाला व सट्टा रैकेट के जरिये भारत भेज देता था. इसके बाद आरोपी रकम का कुछ हिस्सा पारस व कुछ संदीप को देता था. एक बैंक के जरिये आरोपी 1.25 करोड़ से अधिक की ठगी कर चुका है.

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By jaghit