WHO On Covid-19: करीब चार साल तक दुनिया को परेशान करने वाले कोरोना को WHO ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी के दायरे से हटा दिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बड़ा एलान करते हुए कहा कि कोविड अब पब्लिक ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी नहीं रह गया है. इसको लेकर हमने इमरजेंसी कमेटी की 15वीं बैठक में फैसला लिया.
डब्लयूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अद्यनोम घेब्रेयेसस ने कहा, “कल (गुरुवार, 4 मई) इमरजेंसी कमेटी की 15 वीं बार बैठक हुई. इसमें मुझसे सिफारिश की गई कि मैं दुनिया में कोविड-19 के वैश्विक हेल्थ इमरजेंसी के दायरे से बाहर होने का एलान कर दूं. मैंने उनकी सलाह मान ली है.”
कब पब्लिक ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी बना?
डब्लूयएचओ ने बताया कि 30 जनवरी 2020 को कोविड को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया गया था. स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, जब कोरोना को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया गया था तो चीन में 100 से कम कोरोना केस आए थे और किसी की मौत नहीं हुई थी, लेकिन तीन साल बाद जान जाने का आंकड़ा बढ़कर 70 लाख पहुंच गया जो कि रिपोर्ट हुआ है. हमें लगता है कि इसमें करीब 2 करोड़ लोगों की जान गई हो.
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“Yesterday, the Emergency Committee met for the 15th time and recommended to me that I declare an end to the public health emergency of international concern. I have accepted that advice”-@DrTedros #COVID19 pic.twitter.com/esKKKOb1TZ
— World Health Organization (WHO) (@WHO) May 5, 2023
पब्लिक ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी से क्यों हटाया?
डब्लूयएचओ ने कहा कि कोरोना को पब्लिक ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी को हटाने का फैसला पिछले एक साल में हुए कोविड के केस में गिरावट को देखते हुए लिया गया है. स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि कोविड का इतना बड़ा असर हुआ कि स्कूल से लेकर ऑफिस तक बंद रहे. कई लोग इस दौरान तनाव और चिंता से गुजरे. इसने विश्व की अर्थव्यवस्था को भी नष्ट कर दिया.
डब्लयूएचओ के महानिदेशक ने क्या कहा?
डब्लयूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस ने कहा कि कोरोना को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल से हटाने का मतलब ये नहीं है कि कोविड खत्म हो गया है. पिछले हफ्ते ही कोविड हर तीन मिनट में एक की जान ले रहा था. अभी भी नए वेरिएंट आ रहे हैं. ऐसे में सर्तक रहने की जरूरत है.
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