Rishi Sunak First Foreign Policy Speech: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने के बाद ऋषि सुनक की विदेश नीति की चर्चा शुरू हो गई थी. इसी बीच वो पहली बार विदेश नीति को लेकर भाषण देने वाले हैं. इस भाषण में उम्मीद जताई जा रही है कि वो विकासवादी दृष्टिकोण अपनाएंगे. जिस तरह रूस और चीन लंबी अविधि की योजना बनाते हैं उसी तरह ब्रिटेन भी इन योजनाओं पर काम करेगा.
ब्रिटेन के अंग्रेजी अखबारों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ऋषि सुनक अपने पहले विदेश नीति भाषण में कहेंगे कि वो यथास्थिति का चयन नहीं करेंगे. इसके साथ ही अपने प्रतियोगियों और आलोचकों के साथ डीलिंग करते समय वास्तविकता पर नहीं बल्कि आशाओं के आधार पर काम करना पर्याप्त नहीं होगा. हाल ही में सुनक को चीन के साथ बातचीत शुरू करने को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है. दरअसल ब्रिटेन और चीन के बीच पिछले काफी समय से अच्छी बातचीत भी नहीं हुई थी.
विदेश नीति के भाषण के मुख्य बिंदु
लंदन के गिल्डहॉल में बोलते हुए, प्रधान मंत्री एक “गतिशील” विदेश नीति बात करने वाले हैं, जो एक मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी. उनका कहना होगा कि हमारे विरोधी और प्रतियोगी लंबी अवधि के लिए योजना बनाते हैं. इन चुनौतियों का सामना करने के लिए छोटे समय और वास्तविकता के बजाय आशाओं के आधार पर काम करना पर्याप्त नहीं होगा.
News Reels
इसलिए हम अपने दृष्टिकोण में बदलाव करते हुए एक विकासवादी छलांग लगाने के लिए तैयार है. इसका मतलब है कि अपने मूल्यों की रक्षा करने के लिए मजबूत होना और इसी पर हमारी समृद्धि निर्भर करती है. इसका मतलब है ब्रिटेन की अर्थव्यस्था को मजबूत स्थिति में पहुंचाना क्योंकि ये हमारी ताकत की नींव है और इसका मतलब है कि हम अपने प्रतियोगियों के सामने मजबूती के साथ खड़े हो सकें.
ऋषि सुनक लंदन में व्यापारिक नेताओं, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के गणमान्यों और विदेश नीति विशेषज्ञों को संबोधित करने वाले हैं.
ये भी पढ़ें: Report: विदेशी छात्रों के लिए कड़ा फैसला ले सकते हैं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक