BJP leader Kirit Somaiya Claimed 16 people Died in Ghatkopar due to 100 Crore Hoarding Scam

Ghatkopar Hoarding Collapse: शिवसेना नेता और विधायक आदित्य ठाकरे ने बुधवार (15, मई) को अपनी सभा में कहा था कि घाटकोपर होर्डिंग हादसे के पीछे केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाला रेलवे विभाग है और इसी वजह से रेल मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए. हालांकि, अब आदित्य ठाकरे के बयान पर बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने पलटवार किया है.

बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने एबीपी न्यूज से बातचीत में बताया कि आदित्य ठाकरे को अपनी जानकारी बढ़ानी चाहिए. यह जमीन रेलवे की नहीं है, बल्कि यह जमीन महाराष्ट्र पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन की है, जोकि राज्य सरकार के अधीन है.

कैसे हुई घोटाले की शुरुआत?

सोमैया ने आगे बताया कि इस घोटाले की शुरुआत 30 जनवरी 2020 में हुई, उस समय की सरकार ने महाराष्ट्र DGP को कहा था कि घाटकोपर की उस जगह पर पेट्रोल पंप और होर्डिंग लगाना है. होर्डिंग का कॉन्ट्रेक्ट संजय राउत और सुनील राउत के दोस्त ईगो मीडिया को देना है तो वहीं पेट्रोल पंप की जिम्मेदारी उद्धव ठाकरे के किसी मित्र लॉर्ड्स मार्क इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड को देनी है.

किरीट सोमैया ने क्या लगाया आरोप

सोमैया ने आगे आरोप लगाया कि होर्डिंग लगाने से पहले तय था की यहां पर 40 स्क्वायर फिट की होर्डिंग लगाई जाएगी, लेकिन यहां होर्डिंग जो लगाई गई है, उसका साइज 120X70 स्क्वायर फिट का है. यहां एक होर्डिंग की महीने की कमाई 50 लाख रुपये हैं और ऐसी कुल चार साइट है. इनमें एक साइट की इनकम 2 करोड़ रुपये है. यानी की करीबन 100 करोड़ रुपये भावेश भिंडे की कंपनी को मिला है और पेट्रोल पंप को 25 करोड़ रुपये मिलता है. इतना कमाने के बाद सरकार को कुछ नहीं मिला और पुलिस कल्याण निधि में सिर्फ सवा दो करोड़ दिये गये हैं.

IPS अधिकारी की होनी चाहिए जांच

सोमैया ने बताया कि उस समय के GRP कमिश्नर कैसर खालिद ने गुमराह करने वाले जवाब BMC को भेजे थे, जिसकी वजह से बीएमसी इस प्रक्रिया से हटी. सोमैया ने आरोप लगाया कि बीएमसी ने जब इस मामले में हस्तक्षेप किया, तब उस समय कैसर खालिद ने बीएमसी से कहा कि यह जमीन रेलवे की है, इसी वजह से बीएमसी के अधिकार क्षेत्र में नहीं है, जिसके बाद बीएमसी इस मामले से दूर हो गई.

सोमैया ने की FIR दर्ज करने की मांग

सोमैया ने यह भी आरोप लगाया कि जो तीन साइट हैं, जहां होर्डिंग है वहां पर टेंडर हुए थे, लेकिन जहां दुर्घटना हुई है वहां का टेंडर भी नहीं निकाला और होर्डिंग का कॉन्ट्रैक्ट दे दिया. सोमैया का यह भी कहना है की इस होर्डिंग के लिए सेफ्टी सर्टिफिकेट भी फर्जी दिया गया है. डॉक्ट्यूमेंस के मुताबिक, सिटी इंजीनियरिंग सर्विसेज नाम की कंपनी ने 24 अप्रैल 2023 में इस होर्डिंग का सेफ्टी सर्टिफिकेट दिया था, जो मनोज रामकृष्णन नाम के शख्स ने बनाया था. सोमैया ने इस शख्स के खिलाफ FIR दर्ज कर करवाई करने की मांग की है.

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By jaghit