Waris Punjab De Chief Arrested: खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे का मुखिया अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने रविवार (23 अप्रैल) को गिरफ्तार कर लिया. उसकी गिरफ्तारी को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है क्योंकि इस पर कई लोगों ने सवाल भी उठाए हैं. इसी क्रम में फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने कहा है कि ये गिरफ्तारी नहीं थी. साथ ही उन्होंने उस गुरुद्वारे को भी कटघरे में खड़ा किया जहां से अमृतपाल सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया.
द कश्मीर फाइल्स फिल्म बनाने वाले विवेक अग्निहोत्री ने ट्वीट करते हुए कहा, “ये गिरफ्तारी नहीं थी. अमृतपाल सिंह ने एक गुरुद्वारे में धर्मोपदेश देने के बाद एक वीआईपी की तरह आत्मसमर्पण कर दिया. अगर कानून और निष्पक्ष न्याय प्रणाली प्रबल होती है तो गुरुद्वारा प्रबंधन को एक कथित आतंकवादी को शरण/मंच देने में आरोपी बनाया जाना चाहिए.”
पुलिस का दावा घेर कर किया गिरफ्तार
वारिस पंजाब दे के चीफ अमृतपाल सिंह की महीने भर से चल रही तलाशी आखिरकार रविवार को रोडे गांव में जाकर खत्म होती है. पुलिस का कहना है कि खुफिया जानकारी के मुताबिक उसे गिरफ्तार किया गया. पंजाब पुलिस ने उस गांव को चारों तरफ से घेर लिया था जिसमें अमृतपाल सिंह ठहरा हुआ था. पुलिस ने ये भी बताया कि चूंकि वो गुरुद्वारे के अंदर था, इसलिए पुलिस ने पवित्रता बनाए रखने के लिए अंदर प्रवेश नहीं किया. पंजाब के आईजी सुखचैन सिंह गिल ने कहा, “वह जानता था कि उसके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था क्योंकि वह चारों तरफ से घिरा हुआ था. उसे सुबह करीब 6.45 बजे गिरफ्तार किया गया.”
It wasn’t an arrest. Amritpal Singh surrendered like a VIP after giving sermon in a Gurudwara.
If the law & fair justice system prevails, the management of Gurudwara must be made accomplice in giving shelter/platform to an alleged terrorist. https://t.co/CTC79SKy7o
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) April 23, 2023
गिरफ्तारी के बाद असम की जेल में किया शिफ्ट
अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद उसे असम की डिब्रूगढ़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया. उसे एक विशेष विमान से वहां ले जाया गया है. इस मामले में अब डिब्रूगढ़ जेल में कुल 10 आरोपी बंद हैं. सभी को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया है. इन आरोपियों में अमृतपाल सिंह के अलावा पापलप्रीत सिंह, दलजीत कलसी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह भुखनवाला, भगवंत सिंह, हरजीत सिंह, कुलवंत सिंह धालीवाल, गुरिंदर पाल सिंह व वरिंदर सिंह शामिल हैं.