Amit Shah Speech: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार (19 अप्रैल) को कहा कि मादक पदार्थ रोधी एजेंसियों को मादक पदार्थ तस्करों से ‘कठोरता’ से निपटना चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि ड्रग्स तस्कर असली गुनहगार हैं, जबकि जो नशीले पदार्थ का सेवन करते हैं वे पीड़ित हैं.
अमित शाह ने मादक पदार्थ के युवाओं के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था व सुरक्षा पर पड़ने वाले नकारात्मक असर का हवाला देते हुए सभी राज्यों से करीबी समन्वय से काम करने की अपील की. उन्होंने राज्यों से अपनी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सरकार की एक इकाई और टीम इंडिया के तौर पर मादक पदार्थ के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने का आह्वान किया.
क्या लक्ष्य रखा?
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मादक पदार्थ रोधी कार्यबलों के प्रमुखों के पहले सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने देश की आजादी के 100वें साल यानी 2047 में भारत को नशे से मुक्त बनाने का लक्ष्य तय किया है.
उन्होंने कहा कि मादक पदार्थ के कारोबारी मुख्य रूप से गुनहगार हैं जबकि इनका इस्तेमाल करने वाले पीड़ित हैं. हमें मादक पदार्थ कारोबारियों के खिलाफ कठोर रुख अपनाना चाहिए और उनके खिलाफ यथासंभव मजबूत कदम उठाने चाहिए.
राज्यों सरकारों से क्या कहा?
गृह मंत्री शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार मादक पदार्थ की बुराई को खत्म करने के लिए कृतसंकल्प है और (राज्यों को) इसके खिलाफ पूरी सरकार के तौर पर रुख अपनाना चाहिए क्योंकि यह आने वाली पीढ़ियों को भी नष्ट कर सकता है.
लड़ाई कैसे जीतेंगे?
शाह ने कहा कि मादक पदार्थ न केवल युवा पीढ़ी को खोखला बनाते हैं बल्कि इसके साथ ही देश की अर्थव्यवस्था पर भी इसके कई अन्य नकारात्मक असर हैं. इसके साथ ही मादक पदार्थ आतंकवाद, मादक पदार्थ की तस्करी के जरिये देश की सीमाओं की सुरक्षा को क्षति पहुंचाई जा सकती है. अगर 130 करोड़ भारतीय साथ मिलकर लड़े तो हम यह लड़ाई जीत जाएंगे.
उन्होंने सभी से दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कार्य करने की अपील करते हुए राज्य सरकारों से कहा कि वे राजनीतिक मदभेदों को अलग रखकर मादक पदार्थ के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होकर काम करें.
अमित शाह ने क्या कहा?
शाह ने कहा कि अगर हम मादक पदार्थ के खिलाफ लड़ाई के बारे में सोचे तो यह बहुत ही कठिन प्रतीत होती है, लेकिन अगर हम योजना से लड़े तो जीत के रास्ते जल्द खुल जाते हैं. मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई के हालिया नतीजे उत्साहजनक हैं.
उन्होंने कहा कि मादक पदार्थ के राज्यवार और जिलेवार नेटवर्क का मानचित्रण किया जाना चाहिए क्योंकि जबतक यह मानचित्र तैयार नहीं किया जाता तबतक जानकारी नहीं होगी कि समस्या कहां और कहां ध्यान देने की जरूरत है.
सीबीआई, ईडी और एनआईए का किया जिक्र
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मादक पदार्थ की लड़ाई अकेले सरकार नहीं लड़ सकती बल्कि इसे जनता की लड़ाई बनाकर जीता जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर’’ तक रुख अपनाना होगा जिसमें मादक पदार्थ की छोटी मात्रा मिलने पर भी उसके स्रोत का पता लगाना होगा और उसके नेटवर्क की जांच करनी होगी तभी मादक पदार्थ के खिलाफ लड़ाई सफल होगी.
उन्होंने कहा कि मादक पदार्थ की खेप जब्त होने पर और उसके पीछे आर्थिक कोण हो तो मामले को प्रवर्तन निदेशालय (ED) को दिया जाना चाहिए लेकिन अगर कोई अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से संबंध जुड़ता है तो मामले की जांच एनआईए को दिया जाना चाहिए क्योंकि उसे विदेश में जांच का अधिकार है जबकि कुछ मामले सीबीआई को दिए जा सकते हैं.
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