China: कोरोना ने चाइना की अर्थव्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है, जिसका असर भी देखने को मिल रहा है. दरअसल, चीन ने रविवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पांच प्रतिशत आर्थिक विकास लक्ष्य निर्धारित किया है. पिछले साल चीन की आर्थिक विकास दर केवल तीन प्रतिशत थी. तब चीन सरकार ने 5.5 प्रतिशत का लक्ष्य रखा था. गौरतलब है कि चीन जीरों कोविड पॉलिसी के कारण हुए आर्थिक नुकसान से उबरने की कोशिश कर रहा है.
सरकार के एक वर्किंग रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में जीरो कोविड पॉलिसी और रियल एस्टेट बाजार में भारी गिरावट के कारण चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी रही थी. पिछले साल चीन की आर्थिक विकास दर केवल तीन प्रतिशत थी. यह 1947 के बाद पिछले 50 वर्षों में चीन की जीडीपी की दूसरी सबसे कम वृद्धि दर है. रिपोर्ट पेश करते हुए चीन के नए प्रधानमंत्री ली केकियांग ने कहा कि आर्थिक स्थिरता को प्राथमिकता देना आवश्यक था.
1.2 करोड़ रोजगार सृजित करने का लक्ष्य
ली केकियांग ने बताया कि इस वर्ष लगभग 1.2 करोड़ शहरी रोजगार सृजित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो पिछले वर्ष के लगभग 1.1 करोड़ के लक्ष्य से अधिक है. इसके साथ ही चीन ने 2023 में अपने सैन्य खर्च को बढ़ाकर 1.55 ट्रिलियन युआन (224 बिलियन डॉलर) करने का फैसला किया है, जो पिछले साल की तुलना में 7.2 प्रतिशत अधिक है. इसके साथ ही ली ने सरकारी बजट घाटे का लक्ष्य GDP का 3.0 फीसदी निर्धारित किया. ये पिछले वर्ष के लगभग 2.8 फीसदी के लक्ष्य से बढ़ा है.
ली केकियांग पर बड़ी जिम्मेदारी
ली राष्ट्रपति शी जिनपिंग बेहद भरोसेमंद रहे हैं. पिछले दो दशकों से दोनों के बीच बेहद गहरे संबंध हैं. जीरो कोविड पॉलिसी को लेकर जब चीन में लोग प्रदर्शन कर राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इस्तीफे की मांग कर रहे थे तब ली केकियांग ने ही मोर्चा संभाला था. कोविड के कारण बेकाबू हो रही स्थिति को काबू में किया था. अब ली को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करने की जिम्मेदारी मिली है.
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