Pakistan: चीन और पाकिस्तान के बीच रिश्ते हमेशा से बेहतर रहे हैं यह बात पूरी दुनिया जानती है. लेकिन पाकिस्तान के आर्थिक बदहाली के दौर में रिश्तों में खटास भी देखने को मिलने लगी है. पाकिस्तान की आर्थिक तंगी और बदहाली के बीच उसके तथाकथित हर-मौसम दोस्त चीन को भी अपने निवेश की चिंता सताने रही है.
दरअसल, पाकिस्तान की दूतावास प्रमुख सुश्री पेंग चंक्स्यू ने मंगलवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार से मुलाकात की. इस मुलाकात का एक अहम एजेंडा कथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना(CPEC) की समीक्षा था. इस बैठक में CPEC परियोजनाओं की रफ्तार बढ़ाने पर भी बात हुई.
पाक वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि पेंग चंक्स्यू ने मुलाकात के दौरान चीन की तरफ से लगातार समर्थन जारी रखने का भी भरोसा दिया. उन्होंने बताया कि चीन वित्तीय सहायता मिलने के ‘सकारात्मक संकेत’ मिले हैं लेकिन चीन कितनी मदद देगा और कब देगा, इस बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं दी गई है.
आईएमएफ ने पाकिस्तान को किया निराश
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से निराशा हाथ लगने के बाद अब पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इस बीच पाकिस्तान अपने मित्र देशों से मदद मांग रहा है लेकिन अधिकतर देश मदद करने से कटते दिख रहे हैं. हालात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि पाकिस्तान के करीबी मित्र चीन ने आतंकवाद का हवाला देते हुए अपने दूतावास के कांसुलर विभाग को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है.
विभाग को बंद करने के पीछे तकनीकी कारणों को जिम्मेदार बताया गया है लेकिन आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि चीनी दूतावास को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और बलूच आतंकियों से लगातार धमकियां मिल रही थीं.
गौरतलब है कि चीन ने पाकिस्तान में अरबों डॉलर का निवेश किया है, जिसमें ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है, हालांकि, हाल की कुछ घटनाओं से ऐसा प्रतीत होता है कि इन तथाकथित सदाबहार सहयोगियों के संबंधों में कुछ खटास आई है. अगर वाकई ऐसा है तो यह पाकिस्तान के लिए नया सिर दर्द है क्योंकि मुसीबत में पाकिस्तान को चीन की बेहद जरूरत है.