Army Day 2023: आज यानी कि 15 जनवरी, रविवार को भारतीय थल सेना का स्थापना दिवस मनाया गया. इस बार सेना दिवस की परेड दिल्ली के बजाए, बेंगलुरू में आयोजित की गई. जहां पहली बार सेना दिवस पर आतंकियों के खिलाफ अटैक-हेलीकॉप्टर से ऑपरेशन और घुड़सवारों द्वारा युद्ध के मैदान में दुश्मन-सेना की छावनी में हमला करने की ड्रिल की गई.
इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh), सीडीएस और थलसेना प्रमुख मौजूद रहे. बेंगलुरु में आयोजित थलसेना दिवस के कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारा देश जिन चीजों के लिए दुनियाभर में जाना जाता है, उनमें से भारतीय सेना भी एक है. उन्होंने कहा, ”भारतीय सेना ने पश्चिमी एवं उत्तरी सीमाओं के खतरों समेत देश के भीतर की तमाम चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है. मैं कह सकता हूँ, कि यह हमारी सेना की, साहस, वीरता और बलिदान से समृद्ध हमारी परंपरा को बनाए रखने की प्रतिबद्धता के कारण संभव हुआ है.
‘2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 2027 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा. उसके बाद 2047 तक हमारा नाम टॉप इकोनॉमी में होगा. राजनाथ सिंह ने यह बात भारत और भारतीय सेना के बारे में संबोधन के दौरान कही. सैनिकों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश की सीमा और अखण्डता की रक्षा करने के लिए भारतीय सेना की प्रशंसा की. सिंह ने कहा कि भारत देश जिन चीजों के लिए दुनियाभर में जाना जाता है उनमें से भारतीय सेना भी एक है.
पिछले 100 सालों में भी नहीं हुए थे ऐसे बदलाव
इससे पहले रक्षामंत्री ने सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के बारे में कहा, “समय के साथ न केवल सुरक्षा चुनौतियों में परिवर्तन हो रहा है, बल्कि परिवर्तन की दर भी बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है. सुरक्षा चुनौतियों में जो बदलाव पिछले 10 साल में हम देख रहे हैं, वह बदलाव पिछले 100 सालों के दौरान भी नहीं हुए थे.”
‘शौर्य संध्या’ में भारतीय सेना ने दिखाया दम
बेंगलुरु में थलसेना दिवस के मौके पर आयोजित ‘शौर्य संध्या’ में भारतीय सेना ने अपनी ताकत का नमूना पेश किया. इस दौरान पहली बार भारतीय सेना ने अपने ऑपरेशन्ल डेमो में दिखाया कि किस तरह एक घर में आंतकियों द्वारा बंधक बनाए लोगों को छुड़ाया जाता है. इसके लिए स्वदेशी डब्सलूएसआई-अटैक हेलीकॉप्टर्स के जरिए पहले आतंकियों पर फायरिंग की गई और फिर कमांडोज ने एसटीआईई यानी स्मॉल टीम इन्सर्सन एंड एक्सट्रेक्शन के जरिए अपनी कारवाई को अंजाम दिया.
दुश्मन की छावनी पर हमला करने की ड्रिल
शौर्य संध्या को भारतीय सेना की आर्मी सर्विस कोर यानि एएससी सेंटर में आयोजित किया गया था. इस दौरान सैनिकों ने घोड़ों के जरिए टेंट-पैगिंग की कौशल का प्रदर्शन किया. टेंट-पैंगिंग एक प्राचीन कैवलरी-स्पोर्ट्स है जिसे सेनाएं दुश्मन सेना की छावनी में टेंट तबाह करने के लिए इस्तेमाल करती है. इसके अलावा घुड़सवारों द्वारा ही दुश्मन की छावनी पर हमला करने की ड्रिल भी दिखाई गई.