After Galwan Now India And Chinese Troops Clash In Tawang Sector In Arunachal Pradesh Injuries Both Sides

India-China Troops Clash: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के चलते एक बार फिर दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई. अरुणाचल प्रदेश के तवांग में दोनों देशों के सैनिकों में 9 दिसंबर को हुई इस हिंसक में भारत ने चीन के करीब 300 से ज्यादा सैनिकों को पीछे खदेड़ दिया. इस घटना में चीन के 20 सैनिक घायल हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक चीन को भारी नुकसान हुआ है. हालांकि, बाद में दोनों सेनाओं के कमांडरों के बीच तनाव कम करने के लिए बातचीत हुई.

तवांग सेक्टर में भारत-चीन झड़प में देश के भी कई सैनिक घायल घायल हुए है. करीब 6 सैनिकों को इलाज के लिए गुवाहाटी लाया गया. तवांग सेक्टर में भारत-चीन के सैनिकों के बीच झड़प को लेकर आज संसद में हंगामे के आसार है. कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने सीधे मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा किया.

भारत-चीन में झड़प पर कांग्रेस ने मांगा जवाब

कांग्रेस ने भारतीय और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट झड़प की घटना को लेकर सोमवार को कहा कि सरकार को इस मामले पर संसद में चर्चा के माध्यम से देश को विश्वास में लेने की जरूरत है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि देश की सुरक्षा पर एकजुट लेकिन सरकार को ईमानदार होना चाहिए, संसद में चर्चा कराकर देश को मोदी सरकार भरोसे में ले. कांग्रेस ने कहा कि सरकार ढुलमुल रवैया छोड़कर सख्त लहजे में चीन को समझाए कि उसकी ऐसी हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

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खरगे बोले- नहीं करेंगे राजनीतिकरण

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया, ‘‘एक बार फिर हमारे सैनिकों को चीन ने उकसाया है. हमारे सैनिकों ने बहादुरी से मुकाबला किया और कुछ जवान घायल भी हुए. हम राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राष्ट्र के रूप में एक हैं और इसका राजनीतिकरण नहीं करेंगे. लेकिन मोदी सरकार को एलएसी (लाइन ऑफ एक्जुअल कंट्रोल) पर चीन की आक्रामकता और अप्रैल 2020 से हो रहे निर्माण कार्य को लेकर ईमानदार होना चाहिए.’’

वहीं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ट्वीट किया है, ‘‘भारतीय सेना के शौर्य पर हमें गर्व है. सीमा पर चीन की हरकतें पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं. पिछले दो साल से हम बार-बार सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार केवल अपनी राजनीतिक छवि को बचाने के लिए इस मामले को दबाने में लगी है. इससे चीन का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है.’’

रमेश ने आरोप लगाया, ‘‘देश से बड़ा कोई नहीं है, लेकिन मोदी जी अपनी छवि को बचाने के लिए देश को ख़तरे में डाल रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘उत्तरी लद्दाख़ में घुसपैठ स्थायी करने की कोशिश में चीन ने डेपसांग में एलएसी की सीमा में 15-18 किलोमीटर अंदर 200 स्थायी शेल्टर बना दिए, पर सरकार चुप रही. अब यह नया चिंताजनक मामला सामने आया है.’’

ओवैसी ने कहा- सरकार संसद में बताए, कैसे हुआ?

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने संसद में जवाब देने की मांग की. उन्होंने कहा, चीन के मुद्रदे पर पीएम मोदी दोनों सदनों में जवाब दें कि देश की राष्ट्रीय सुरक्षा से कैसे खिलवाड़ किया जा रहा है. दूसरी तरफ, AIMIM प्रमुख ओवैसी ने भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि 9 दिसंबर को ये घटना होती है और हमें 12 तारीख को पता चल रहा है, ये कैसे हुआ? ये चीन कैसे कर रहा है, ये सब कुछ संसद में बताना चाहिए. सरकार की नाकामी है.

जबकि, तवांग सेक्टर की घटना पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे जवान देश की शान हैं. उनके शौर्य को सलाम करता हूं और ईश्वर से उनके जल्द सेहतमंद होने की कामना करता हूं. जिनपिंग के तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बनने के 47 दिन बाद तवांग में चीनी सैनिकों और भारत की सेना में हुई झड़प. चीन ने घायल सैनिकों की संख्या पर चुप्पी साध रखी है.

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By jaghit