Imran Khan: पाकिस्तान की एक अदालत ने छह साल पुराने मानहानि के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की याचिका खारिज कर दी है. पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इमरान के खिलाफ 6.1 करोड़ डॉलर का मानहानि का यह मामला दर्ज कराया था. इसका जवाब देने में इमरान ने देर कर दी थी, जिस पर सेशन कोर्ट ने इमरान को जवाब देने के अधिकार से उनको वंचित कर दिया था.
इमरान ने लाहौर की सत्र अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. लाहौर हाई कोर्ट के जज चौधरी मुहम्मद इकबाल ने शुक्रवार (9 दिसंबर) को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इमरान की याचिका खारिज कर दी और सेशन कोर्ट का फैसला बरकरार रखा.
इमरान ने अपना अधिकार खो दिया है.
लाहौर की सत्र अदालत ने कहा था कि 70 वर्षीय इमरान ने शहबाज के खिलाफ उठाई गई आपत्तियों पर समय पर जवाब देने में नाकाम रहने के कारण जवाब देने या विरोध करने का अपना अधिकार खो दिया है.
News Reels
इमरान ने अप्रैल 2017 में आरोप लगाया था कि शहबाज ने पूर्व प्रधानमंत्री और उनके बड़े भाई नवाज शरीफ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रुके हुए पनामा पेपर मामले को वापस लेने के लिए उन्हें (इमरान) एक साझा मित्र के माध्यम से 6.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर (लगभग 10 अरब पाकिस्तानी रुपये) की पेशकश की थी.
इमरान ने उस व्यक्ति का नाम नहीं बताया था, जिसने उन्हें शहबाज की तरफ से कथित तौर पर 6.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर की पेशकश की थी. बाद में, शहबाज की ओर से दायर मानहानि याचिका में कहा गया था कि प्रतिवादी (इमरान) ने उनके खिलाफ झूठे और दुर्भावनापूर्ण बयान दिए हैं.
इमरान ने प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आरोप लगाया था कि इमरान ने उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने अदालत से इस मामले में मुआवजे के रूप में 6.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर वसूलने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया था. साल 2017 में पनामा पेपर मामले में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के प्रमुख नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के अयोग्य घोषित कर दिया था.
ये भी पढ़ें:Pakistan: नहीं कम हो रही है इमरान खान की मुश्किलें, PTI चीफ पद से हटा सकता है चुनाव आयोग