सतर्कता विभाग में चोरी पर सौरभ भारद्वाज: दिल्ली की केजरीवाल सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मीडिया रिपोर्टों के जरिए संज्ञान में आया है कि दिल्ली बीजेपी के कुछ नेताओं ने दिल्ली सरकार के मंत्रियों पर सतर्कता विभाग के कब्जे से 16 मई 2023 की सुबह संवेदनशील फाइलों को लेने का गंभीर आरोप लगाया है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी नेताओं के यह आरोप पूरी तरह झूठ हैं.
उन्होंने कहा कि 15 और 16 मई 2023 की रात की घटना पहले से ही सरकार के आधिकारिक रिकॉर्ड में है. उन्होंने कहा कि यह 17 मई को मुख्य सचिव को सचिव (सतर्कता) द्वारा प्रस्तुत एक पत्र के आधार पर है, जो पूरी तरह से बीजेपी नेताओं और कुछ अधिकारियों के झूठ का पर्दाफाश करता है.
बीजेपी नेताओं पर लगाए गंभीर आरोप
सौरभ भारद्वाज जिस पत्र की बात कर रहे हैं उसके मुताबिक, अधोहस्ताक्षरी (सतर्कता सचिव) ने सोचा कि यदि फ़ाइल के कुछ कागजात गुम हो जाते हैं तो यह सीबीआई मामले सहित एक बहुत गंभीर मामला बन सकता है. इसलिए सीबीआई द्वारा दस्तावेजों को जब्त करने की तर्ज पर शैडो फाइलें बनाई जाती हैं. प्रशासनिक विभाग की ओर से एक शैडो फाइल बनाई जाती है और सीवीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार दो में से एक (या तो मूल या शैडो फाइल) सीबीआई को सौंपी जाती है.
पत्र के अनुसार, अधोहस्ताक्षरी ने पर्सनल ब्रांच के कर्मचारी मनीष (एमटीएस) और हरीश जोशी (पीए) को रूम नंबर 403 से मुख्य फाइलें लाने का निर्देश दिया. टोनर समाप्त होने के चलते कुछ फाइलों के लिए शैडो फाइल बनाई गई थी, बाकी सभी दस्तावेजों की शैडो फाइल नहीं बनाई जा सकी थीं. उसके बाद सभी मुख्य फाइलें संबंधित कक्ष यानी 403 में रख दी गईं. शैडो फाइलें सचिव (विजिलेंस) के पास थीं. 16 मई तक मंत्री (सतर्कता) को कोई फाइल नहीं दी गई. इसमें सचिव (सतर्कता) की पर्सनल ब्रांच के कर्मचारियों की कोई गलती नहीं है, क्योंकि वे सचिव (सतर्कता) के निर्देश पर काम करते हैं. शैडो फाइल बनाने की उपरोक्त घटना की सूचना अधोहस्ताक्षरी द्वारा केवल विशेष सचिव (सतर्कता) को 16 मई सुबह करीब 8 बजे फोन पर दी गई थी.
इन घटनाओं के चलते दो प्रमुख बिंदु सामने आ रहे हैं-
1. यह लिखित रिकॉर्ड का मामला है कि 15 और 16 मई 2023 की रात को विशेष सचिव (सतर्कता) के कमरे की फाइलों को उनके वरिष्ठ सचिव (सतर्कता) द्वारा एक्सेस किया गया था. उन फाइलों को कभी भी दिल्ली सरकार के किसी मंत्री के साथ साझा नहीं किया गया. आज तक वही स्थिति बनी हुई है. फिर भी दिल्ली बीजेपी के नेताओं ने आगे बढ़कर भ्रष्टाचार और फाइलों से छेड़छाड़ का आरोप लगाकर चुनी हुई सरकार की छवि खराब करने की कोशिश की. ऐसे में दिल्ली सरकार की तरफ से दिल्ली बीजेपी के सभी नेताओं और अधिकारियों को मानहानि का नोटिस भेजा जाएगा, क्योंकि वे बिना किसी तथ्य या सबूत के इस तरह के झूठ और छवि खराब करने वाले बयान देने में लिप्त हैं.
2. यह चिंता का विषय है कि दिल्ली सचिवालय के सीसीटीवी फुटेज, जिसमें मुख्यमंत्री, अन्य सभी मंत्रियों और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यालय हैं, वहां इतनी आसानी से एक राजनीतिक दल को एक्सेस दिया गया. एक राजनीतिक दल को दिल्ली सचिवालय के सीसीटीवी फुटेज तक अवैध तरीके से पहुंचने की अनुमति देना गंभीर प्रशासनिक चूक है. ऐसे में इस मामले में मुख्य सचिव, दिल्ली सरकार के प्रशासनिक प्रमुख और अन्य सभी संबंधित अधिकारियों की भूमिका को लेकर उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया जाएगा.
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