पैसेंजर प्लेन की शक्ल अख्तियार कर लेगी घातक मिसाइल, फेल हो जाएंगे सारे एयर डिफेंस सिस्टम, पढ़ें चीन का बेहद खतरनाक प्लान


<p style="text-align: justify;">चीन मिसाइलों के लिए ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है, जो इनका स्वरूप बदल देंगी. इस टेक्नोलॉजी से मिसाइल पैसेंजर प्लेन नजर आएंगी. चीन की इस घातक टेक्नोलॉजी से दुनिया के महंगे-महंगे एयर डिफेंस सिस्टम फेल हो सकते हैं. उत्तरपश्चिमी चीन में एक रिसर्च टीम इस पर काम कर रही है. इसके तहत मिसाइल में एक ऐसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा, जो इसको पैसेंजर प्लेन का स्वरूप देगी. इस टेक्नोलॉजी की मदद से मिसाइल का साइज और आकार बहुत जल्दी-जल्दी बदला जा सकेगा, जिससे दुश्मन का डिफेंस सिस्टम कंफ्यूज हो जाएगा और इसको पहचानना मुश्किल होगा.</p>
<p style="text-align: justify;">चीनी सेना के विशेषज्ञों का मानना है कि चीन के पास पहले से ही एक शक्तिशाली डिफेंस सिस्टम मौजूद है, ऐसे में इस तरह की मिसाइल ताइवान और साउथ चीन सी में विदेशी शक्तियों से मुकाबला करने के काम आएंगी.&nbsp;प्रोजेक्ट पर काम कर रहे चीनी वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह की टेक्नोलॉजी के सेना में शामिल होने से युद्ध के तरीके में बड़ा बदलाव आएगा. इसकी मदद से क्रूज मिसाइल पर गोल्ड प्लेटेड आवरण होगा और यह देखने में पैसेंजर प्लेन लगेगा, जिससे दुश्मन के डिफेंस सिस्टम कंफ्यूज हो जाएंगे और इसलिए इस पर कार्रवाई करने में भी उनको समय लगेगा.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्या है चीनी वैज्ञानिकों की ये घातक टेक्नोलॉजी</strong><br />शांक्सी प्रांत में नॉर्थवेस्ट पॉलीटेक्निकल यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर जोंग येली ने बताया कि लैब में हुए परीक्षणों से पता चला है कि यह टेक्नोलॉजी हवा में लक्ष्य के रडार क्रॉस सेक्शन को 1 से 30 डेसिबल पर स्क्वायर मीटर तक बढ़ा सकती है. चीनी जर्नल ऑफ साइंस में छपे एक आर्टिकल में जोंग और उनके सहकर्मियो ने बताया कि यह टेक्नोलॉजी बेहद किफायती है, जो मिसाइल को गोल्ड-प्लेटेड थ्रेड से बना आवरण देगी और ये थ्रेड एक कॉम्प्लेक्स जाल बनाएंगे, जिससे रडार के सिग्नल रिफ्लेक्ट होंगे.</p>
<p style="text-align: justify;">जिस तरह बोइंग 737 और एयरबस A320 को एक निश्चित एंगल पर देखने पर वह रडार सिग्नल उत्पन्न करते हैं, उसी तरह यह मिसाइल भी करेगी.&nbsp;टीम का कहना है कि यह टेक्नोलॉजी मिसाइल का आकार जल्दी-जल्दी बदलने में मदद करेगी और रडार रिफ्लेक्शन टेक्नोलॉजी के अलावा इसकी यह भी एक खासियत है, जो इसे बाकियों से अलग बनाती है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>दुश्मन को कैसे देगी चकमा</strong><br />इसको डिजाइन करने में कार्बन फाइबर का भी इस्तेमल किया गया है, जो सैन्य सेवा के रूप में इसे मजबूती प्रदान करते हैं. लॉ कॉस्ट टेक्नोलॉजी डिवाइस द्वारा मिसाइल का बाहरी आवरण और आकार जल्द-जल्दी बदलने से रडार ऑपरेटर्स को चकमा दिया जा सकता है. रिसर्चर्स ने बताया कि डिवाइस की लागत बहुत कम है और इसका वजन भी काफी कम है. इनके अलावा, इसमें ट्रांसमिटर्स लगे हैं जो दुश्मन को चकमा देने के लिए सिग्नल्स जेनरेट करेंगे. इस पूरे डिवाइस का वजन सिर्फ 1 किलोग्राम होगा. टीम का ऐसा कहना है कि कम वजन होने की वजह से यह ज्यादा दूरी तय कर सकता है और बड़े वॉरहेड ले जा सकता है.</p>
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By jaghit

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