Yoga For Breast Cancer Treatment:ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही लोग कांप उठते हैं. ब्रेस्ट कैंसर होने के बाद उससे उबर पाना काफी मुश्किल हुआ है.कभी-कभी तो ये ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं के लिए जानलेवा भी साबित हुआ है. ब्रेस्ट कैंसर भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में वैश्विक स्तर पर महिलाओं को प्रभावित करने वाला है. इससे महिलाओं में अधिक चिंता रहती है. इस कारण महिलाओं को पहले कैंसर के डर से जीवन खत्म होने का खतरा रहता है और दूसरे इस खतरे के साथ-साथ इलाज के दुष्प्रभाव और उससे निपटने की चिंता के कारण दोहरी मार झेलनी पड़ती है.लेकिन अब इससे जुड़ी राहत की खबर सामने आई है. दरअसल टाटा कैंसर हॉस्पिटल के अध्ययन के अनुसार स्तन कैंसर के मरीजों के इलाज में योग को शामिल करना बहुत लाभकारी है. टाटा मेमोरियल का सबसे बड़ा रैन्डमाइज़्ड ट्रायल टेस्टिंग इफेक्ट ऑफ योग इन ब्रेस्ट कैंसर जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है और रोग की पुनरावृत्ति और मृत्यु की संभावना कम होने का संकेत देता है.
ब्रेस्ट कैंसर रोगियों के लिए योग एक चमत्कार है
आपको बता दें कि टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के एक अध्ययन के मुताबिक स्तन कैंसर के रोगियों के इलाज में योग को शामिल करना बहुत लाभकारी है. कैंसर के इलाज में योग को शामिल करने से डिजीज फ्री सर्वाइवल में 15 फीसदी और ओवरऑल सर्वाइवल में 14 प्रतिशत सुधार देखा गया है.योग परामर्शदाताओं, डॉक्टरों के साथ-साथ फिजियोथेरेपिस्ट से मिली जानकारी के मुताबिक योग उपायों को स्तन कैंसर के रोगियों और इस रोग से मुक्त हुए लोगों की जरूरतों के अनुसार उनके इलाज और रोगमुक्ति के अलग अलग चरणों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया है.आपको ये भी बता दें कि कैंसर रोगियों के लिए योग के आसनों को अनुभवी योगा ट्रेनर ने लागू किया है.योग प्रोटोकॉल में विश्राम और प्राणायाम की नियमित अवधि के साथ जेंटल और आराम देने वाले योग आसन शामिल किए गये हैं.अनुपालन बनाए रखने के लिए प्रोटोकॉल के हैंडआउट्स और सीडी भी उपलब्ध कराये गए.
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योग से मृत्यु जोखिम 15 फीसदी हो सकता है कम
स्तन कैंसर में योगा का क्लिनिकल ट्रायल किसी माइलस्टोंस से कम नहीं है, क्योंकि यह भारतीय पारंपरिक उपाय का पहला उदाहरण है जिससे रोग की पुनरावृति और इससे होने वाली मृत्यु के जोखिम को संख्यात्मक रूप से 15% तक कम कर दिया है.सबसे ज्याद खुशी की बात ये है कि दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित स्तन कैंसर कॉन्फ्रेंस में से एक चल रहे सैन एंटोनियो सत्न कैंसर (SABCS) जो की हर साल संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजन किया जाता है वहां बहुत सारे अध्ययन और शोध पत्र स्पॉटलाइट डिस्कशन के चुना जाता है उनमें से योग वाला कॉन्सेपट चुना गया.
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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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