Corona Virus: कोरोना ने देश ही नहीं दुनिया में जमकर कहर बरपाया है. वर्ष 2019 के दिसंबर में चीन से निकलने वाले इस वायरस ने वर्ष 2020 में पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया. भारत मेें कोविड के रूप डेल्टा, ओमीक्रॉन वाायरस की चपेट में अधिक लोग आए. लेकिन यदि जान लेने की बात करें तो डेल्टा वेरिएंट इस मामले में देश में बहुत खतरनाक रहा. इसने देश में हजारों लोगों की जान ले ली. फिलहाल भी कोरोना वायरस हवा में तैर रहा है. अकेले ओमीक्रॉन वेरिएंट के 300 से अधिक रूप हैं. ओमीक्रॉन के नए म्यूटेशन कब घातक रूप धर लें. इस पर साइंटिस्ट और डॉक्टर नजर बनाए हुए हैैं. इसके म्यूटेशन को नजदीकी से परीक्षण कर भी देखा जा रहा है.
BQ.1 और BQ1.1 पर नजर रख रहे वैज्ञानिक
अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए कोविड तेजी से म्यूटेट कर रहा है. BQ.1 और BQ1.1 Omicron के नए सब वेरिएंट सामने आए हैं. दोनों नए म्यूटेशन के केस अमेरिका में अधिक देखे जा रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, BQ.1 और BQ1.1, विश्व स्तर पर पफैलने वाले ओमीक्रोन के 300 से अधिक सब वेरिएंट में से है. सबसे ज्यादा बीए.95 में म्यूटेट होकर बने हैं.
अमेरिका में तेजी से फैला वायरस
जुलाई की शुरुआत BQ.5 संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे ज्यादा तेजी से फैला. लेकिन अक्टूबर में BQ.1 और BQ1.1 केस अधिक देखने को मिले. यानि बीक्यू.5 म्यूटेट होकर सब वेरिएंट बना चुका था. दोनों वेरिएंट में जेनेटिक बदलाव होता है. यह प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए वायरस को पहचानना और बेअसर करना कठिन बनाते हैं. म्यूटेशन का नुकसान यह है कि टीकाकरण और पूर्व में संक्रमित होने के बाद बनी एंटीबॉडीज के बावजूद वायरस इन्फेक्टिड कर सकता है.
भारत की क्या स्थिति
डेल्टा वेरिएंट आने के बाद कोविड का कोई म्यूटेशन देश के लिए उतना खतरनाक रहा है. यह सामान्य वायरल डिसीज की तरह हो गया है. साइंटिस्ट और डॉक्टरों का इसके पीछे तर्क है कि वायरस के खिलापफ तीन फैक्टर बेहद महत्वपूर्ण हैं. पहला वायरस के अधिक फैलाव के कारण लोगों में हर्ड इम्यूनिटी डेवलप हो गई. दूसरा, लोगों वायरस की चपेट मेें आए तो वायरस के खिलाफ उनमें खुद का एक प्रतिरोधी तंत्र विकसित हो गया. तीसरा भारत सरकार कोविड के खिलाफ जो वैक्सीनेशन अभियान चला रही है. उससे भी लोगों का प्रतिरोधक तंत्र मजबूत हुआ है. इसी कारण देश में कोविड केस घटे हैं. बावजूद इसके लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. लोग कोविड नियमों का पालन करें. मास्क पहनें, दो गज की दूरी और सेनिटाइजर का प्रयोग करते रहें. भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें. परेशानी होने पर तुंरत डॉक्टर को दिखाएं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि और तरीकों को केवल सुझाव के रूप में लें. किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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