Britain: ब्रिटेन में एक हैरान करने वाली घटना देखने को मिली है, जहां एक व्यक्ति ने शादी के उपहारों को लेकर पारिवारिक विवाद के बाद अपनी बेटी के ससुर यानी अपने समधी की चाकू मारकर हत्या कर दी. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और अब उसे अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है.
द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना ब्रिटेन के बर्मिंघम के कास्टे वाले इलाके की है, जहां विवाद शादी में तोहफे के रूप में दिए गए सोने के आभूषणों पर अहमद अलसिनो (43 वर्षीय) और मोहम्मद सलेम इब्राहिम (55 वर्षीय) के बीच शुरू हुआ. बहस के दौरान बात बिगड़ती चली गई. आख़िरकार नौबत यह आ गई कि अहमद ने अपने समधी मोहम्मद सलेम इब्राहिम की उनके घर पर चाकू से वारकर हत्या कर दी.
दामाद को भी मार डाला
रिपोर्ट के अनुसार, अलसिनो ने जब अपने समधी पर हमला किया तो अपने पिता को बचाने के चक्कर में अलसिनो का दामाद अराम इब्राहिम भी गंभीर रूप से घायल हो गया. जिसकी मौत हो गई. इस तरह अलसिनो ने अपने समधी और अपने दामाद की हत्या कर दी.
पुलिस ने जारी किया वीडियो
घटना का एक वीडियो बर्मिंघम पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (पूर्व में ट्विटर ) पर पोस्ट किया है. जिसमें अलसिनो गुस्से में चाकू लिए हुए इब्राहिम के सामने के दरवाजे पर लात मारते हुए दिखाई दे रहा है. घटनास्थल से भागने से पहले उसे पीड़ित पर चार बार चाकुओं से वार करते हुए देखा जा सकता है. यह घटना बीते 13 मार्च दोपहर की है. हालांकि वारदात को अंजाम देने के 40 मिनट बाद आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.
#JAILED | We’re releasing footage today of how we tracked and arrested a man just 40 minutes after he killed a father on his #Birmingham doorstep.
Ahmad Al Sino has now been jailed for life for the murder of Mohammed Ibrahim.
Full story ➡️ https://t.co/R6WZAGTGwo pic.twitter.com/gA3zNxtCGC
— Birmingham Police (@BrumPolice) November 7, 2023
रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस को आरोपी की कार से एक प्लास्टिक बैग मिला, जिसमें दो चाकू थे. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी ने हत्या, हत्या के प्रयास और ब्लेड वाली वस्तु रखने से इनकार किया, लेकिन उसे तीनों आरोपों में दोषी ठहराया गया है. हत्या के आरोप में उसे आजीवन कारावास की सजा हुई है. उनकी सज़ा की सुनवाई के दौरान, उन्हें बताया गया कि हत्या के प्रयास का दोषी ठहराए जाने के बाद भी उन्हें कम से कम 26 साल की सज़ा काटनी होगी.