Udhampur Blast Case Update: जम्मू कश्मीर के उधमपुर ब्लास्ट केस (Udhampur Blast) की जांच जारी है. एक-एक करके सारे सबूत जुटाए जा रहे हैं. इस केस में एनआईए (NIA) की जांच के बीच अहम खुलासा हुआ है. रामबन (Ramban) में सक्रिय आतंकियों (Terrorists) का धमाके में हाथ होने का शक है. उधमपुर सीरियल ब्लास्ट को लेकर जम्मू पुलिस का दावा है कि रामबन और करीबी इलाकों में सक्रिय मॉड्यूल का इसमें हाथ मुमकिन है.
रामबन और आसपास सक्रिय आतंकियों की पहचान की जा रही है. उधमपुर (Udhampur) में महज 8 घंटे के भीतर एक के बाद एक हुए दो धमाकों का तरीका भी कॉमन था और टारगेट भी कॉमन था.
NIA की टीम कर रही जांच
जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में दोनों ही धमाकों के लिए बस में बम लगाया गया था और बम इतना घातक था कि धमाका होते ही बस के परखच्चे उड़ गए. धमाके की जांच NIA की टीम कर रही है. गुरुवार (29-09-22) को मौका-ए-वारदात पर जाकर धमाके और उसकी साजिश से जुड़े सबूतों की तलाश की गई. ब्लास्ट सीन एक्सपर्ट की टीम ने दोनों बसों का निरीक्षण किया और कई अहम सुराग जुटाए
स्टिकी बम के जरिए धमाका
शुरुआती जांच बता रही है कि जिस बम का इस्तेमाल हुआ, वो ‘स्टिकी बम’ है. इसे किसी जगह चिपकाकर टाइमर या रिमोट से ब्लास्ट कर टारगेट के चिथड़े उड़ाए जा सकते हैं, जैसे उधमपुर में बसों का हाल हुआ. गनीमत रही कि बम तय समय से पहले फट गए वरना अगर धमाके के वक्त बस में यात्री होते तो कितनी लाशें बिछतीं जातीं.
क्या होता है स्टिकी बम?
स्टिकी बम आकार में काफी छोटा, लेकिन खतरनाक होता है. इसका वजन आमतौर पर 1 किलो होता है और लम्बाई 9 इंच तक हो सकती है. आकार में छोटा होने की वजह से स्टिकी बम को कहीं भी ले जाना आसान होता है. एक स्टिकी बम को तैयार करने में महज 2 हजार रुपये का खर्च आता है, इसीलिए स्टिकी बम आतंकी संगठनों के लिए एक सस्ता विकल्प होता है.
पाकिस्तान से जुड़ रहे साजिश के तार
कश्मीर में आतंकियों को स्टिकी बम का विकल्प मुहैया कराने वाला मुल्क पाकिस्तान है, जिसका सबूत करीब साल भर पहले तब मिला था, जब बीएसफ (BSF) ने सांबा सेक्टर में ड्रोन से गिराई गई हथियारों की खेप जब्त की थी. उधमपुर धमाके (Udhampur Blast) की साजिश के तार भी पाकिस्तान से जुड़ते नजर आ रहे हैं. फिलहाल जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के सभी जिलों में बस स्टैंड की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
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