Suspicious Death Of Another Journalist In Qatar Within 48 Hours After Grant Wahl Lgbtq

Fifa World Cup 2022: कतर में फीफा वर्ल्ड कप चल रहा है. वहां एलजीबीटीक्यू समुदाय का समर्थन करने वाले पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है. हाल ही में एक अमेरिकी पत्रकार को केवल एलजीबीटीक्यू (LGBTQ) समुदाय के समर्थन में एक टी- शर्ट पहनने के लिए मौत के घाट उतार दिया गया था. अभी उसकी मौत को हुए 48 घंटों से भी कम का समय हुआ था, तब तक कतर में एक और पत्रकार की मौत की खबर ने सबको हैरानी में डाल दिया है. मेट्रो खबर के अनुसार, खालिद अल-मिस्लाम, कतर के ही फोटो जर्नलिस्ट थे. वह अल कास टीवी के लिए काम कर रहा था. रविवार (11 दिसंबर) को उनका निधन हो गया.

आउटलेट ने आगे कहा कि कतर के अधिकारियों ने उनकी मृत्यु का आधिकारिक कारण जारी नहीं किया है. गल्फ टाइम्स द्वारा ट्विटर पर अल-मिस्लाम के बारे में खबर पोस्ट की गई थी, जिसमें लिखा गया था कि फीफा विश्व कप कतर 2022 को कवर करते समय उनकी अचानक मृत्यु हो गई.

गल्फ टाइम्स ने क्या ट्वीट किया

मेट्रो की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अल कास टीवी ने भी एक लाइव प्रसारण में खबर की पुष्टि की और कहा कि वे आगे के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं. खालिद अल-मिस्लाम की मौत पर ओएनयू न्यूज़ पोर्तुगीज की चीफ एडिटर मोनिका ग्रेलेय ने ट्वीट कर लिखा, ‘कतर फीफा विश्व कप के दौरान दूसरे पत्रकार की मौत’.

News Reels



48 घंटे बाद एक और पत्रकार की मौत

अमेरिकी पत्रकार ग्रांट वाहल की मौत के 48 घंटे बाद यह घटना घटी है. शुक्रवार को लुसैल आइकॉनिक स्टेडियम में अर्जेंटीना और नीदरलैंड्स के बीच क्वार्टर फाइनल मैच कवर करते समय 48 साल के ग्रांट वाहल गिर पड़े थे. वाहल के भाई एरिक ने आरोप लगाया कि पूर्व स्पोर्ट्स इलस्ट्रेटेड पत्रकार की मौत में कतर सरकार शामिल हो सकती है. वाहल की पत्नी सेलीन गौंडर एक महामारी विशेषज्ञ और संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ ने सोशल मीडिया पर अपने सदमे को व्यक्त किया.

कुछ दिन पहले पुलिस ने हिरासत में लिया था

LGBT समुदाय के समर्थन में एक इंद्रधनुषी शर्ट पहनने के कारण उन्हें कतर में कुछ समय के लिए हिरासत में लिया गया था. वाहल ने कहा था कि जब उन्होंने घटना के बारे में ट्वीट किया तो उनका फोन छीन लिया गया था. मानवाधिकार समूहों के अनुसार, कार्यक्रम में यात्रा करने वाले प्रशंसकों के अधिकारों और विशेष रूप से एलजीबीटी समुदाय के व्यक्तियों और महिलाओं के अधिकारों पर चिंताएं हैं, जिनके साथ कतर सरकार द्वारा भेदभाव किया जाता है.

ये भी पढ़ें- ब्रिटेन की संसद में रेप के आरोपी स्वामी नित्यानंद को बुलाया गया, पत्रकार ने किया खुलासा

Source link

By jaghit