Shatrughan Sinha On Rahul Gandhi : तृणमूल कांग्रेस नेता और लोकसभा सदस्य शत्रुघ्न सिन्हा ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह अब विपक्षी खेमे की ओर से ‘प्रधानमंत्री पद के अग्रणी दावेदार’ के तौर पर उभरे हैं. अभिनय से राजनीति में कदम रखने वाले सिन्हा ने ‘पीटीआई-भाषा’से कहा कि राहुल गांधी की 3,570 किलोमीटर लंबी यात्रा ऐतिहासिक यात्राओं में से एक है, जिसे देश ने हाल के वर्षों में देखा है और इसकी तुलना 1990 के दशक की शुरुआत में लालकृष्ण आडवाणी की ‘राम रथ यात्रा’ से की जा सकती है.
हालांकि, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस में उनकी वापसी के सवाल को टाल दिया और कहा कि ‘‘इसका उत्तर खामोश’’ है. उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी इस यात्रा से अग्रणी और सम्मानित नेता के रूप में उभरे हैं. वह अब प्रधानमंत्री पद के लिए काफी काबिल नजर आ रहे हैं.’’ सिन्हा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को टेलीफोन पर दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘वह अब विपक्षी खेमे में (प्रधानमंत्री पद के लिए) अग्रणी नेता बन गए हैं. लाखों लोग उनके समर्थन में आ रहे हैं. उन्होंने अपने नेतृत्व गुण को साबित किया है. लोगों ने उन्हें नेता के तौर पर स्वीकार किया है.’’
‘भारत जोड़ो यात्रा’ की प्रशंसा की
उल्लेखनीय है कि गत तीन महीने में यह दूसरी बार है, जब सिन्हा ने राहुल गांधी और उनकी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की प्रशंसा की है. जब सिन्हा से पूछा गया कि क्या इस यात्रा से कांग्रेस को अगले लोकसभा चुनाव में मत हासिल करने में मदद मिलेगी, तो उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया. सिन्हा ने कहा, ‘‘जिस तरह का समर्थन उन्हें मिल रहा है, वह अभूतपूर्व है. अगर यह 20 प्रतिशत मतों में भी तब्दील होता है, तो यह देश और खासतौर पर कांग्रेस के लिए शानदार होगा.’’ तृणमूल सांसद ने विगत वर्षों में लालकृष्ण आडवाणी और आंध्र प्रदेश में वाई एस जगन मोहन रेड्डी की राजनीतिक यात्राओं का उल्लेख किया.
लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘‘हमने अतीत में देखा है कि लंबी यात्राएं कैसे मतों में तब्दील करने में सहायक होती हैं. हमने लालकृष्ण आडवाणी और आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की यात्राएं देखी हैं. पश्चिम बंगाल में जब ममता बनर्जी घायल हो गईं और बाद में व्हीलचेयर पर बैठकर प्रचार किया, तब आपने वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव के नतीजे देखे हैं.’’ गौरतलब है कि सिन्हा 1980 के दशक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए थे और अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के दौर में भगवा पार्टी के स्टार प्रचारक थे.
2022 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे
पटना साहिब से दो बार सांसद रहे सिन्हा ने पार्टी नेतृत्व से मतभेद होने पर वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी छोड़ दी थी और कांग्रेस में शामिल हो गए थे. वह वर्ष 2022 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे और आसनसोल लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में टीएमसी के टिकट पर लोकसभा पहुंचे. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने हाल में टिप्पणी की थी कि यात्रा से विपक्षी पार्टियों में सहमति बनाने में मदद मिलेगी. इस बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा कि वह महाराष्ट्र के अनुभवी नेता से सहमत हैं.
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, ‘‘मैं भारतीय राजनीति के असली चाणक्य शरद पवार से सहमत हूं. यात्रा विपक्ष को एकजुट कर सकती है. सभी इसकी कामना, उम्मीद और प्रार्थना करते हैं.’’ सिन्हा ने कहा कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ‘बाजी पलटने वाली’ साबित होंगी. विपक्षी खेमे में नेतृत्व को लेकर खींचतान के सवाल पर सिन्हा ने कहा कि ‘‘ जिसे सबसे अधिक सीट मिलेंगी, वह नेता के तौर पर उभरेगा. जनता तय करेगी कि प्रधानमंत्री कौन बनेगा. जिसके पास सबसे अधिक सीट और जन समर्थन होगा, वह विपक्षी खेमे का नेता होगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘सभी के प्रति सम्मान के साथ, मुझे कहना होगा कि विपक्ष को सामान्य रूप से और विशेष रूप से एक राष्ट्र के रूप में एकजुट होना चाहिए … जब सत्ता विरोधी लहर बढ़ रही है, और आप अपने वादों को पूरा करने में विफल रहते हैं, तो लोग सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ मतदान करते हैं. जब हमारे पास राहुल गांधी, एक नेता के रूप में और ममता बनर्जी निर्णायक भूमिका निभाने वाले के रूप में हैं, तो कुछ भी असंभव नहीं लगता.’’ कांग्रेस और तृणमूल में मतदभेदों के सवाल पर सिन्हा ने कहा कि वह ‘सकारात्मक व्यक्ति’ हैं और उम्मीद करते हैं कि भविष्य में दोनों दलों के संबंधों में सुधार आएगा.
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