Rishi Sunak: ब्रिटेन में पहली बार किसी भारतीय मूल के नागरिक ने प्रधानमंत्री बनकर नया इतिहास रच दिया है. भारतवंशी ऋषि सुनक अब ब्रिटेन के अगले प्रधान मंत्री होंगे. गीता पर हाथ रखकर शपथ लेने वाले ऋषि सुनक भले ही भारतीय नागरिक नहीं हैं, लेकिन उनके दिल में भारत बसता है. 42 वर्षीय ऋषि सुनक भारत और पूर्वी अफ्रीका के अप्रवासियों में सबसे अमीर लोगों में शामिल हैं. उन्होंने इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से शादी की है. सुनक के पिता, यशवीर सुनक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के सामान्य चिकित्सक थे और उनकी मां, ऊषा सुनक, एक केमिस्ट की दुकान चलाती थीं.
ऋषि सुनक की पढ़ाई विनचेस्टर कॉलेज, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुई है. अपने माता-पिता के बारे में सुनक ने बताया था कि”मैं अपने माता-पिता को समर्पण के साथ लोगों की सेवा करते हुए देखा है और उनकी छत्रछाया में ही मैं बड़ा हुआ हूं. सुनक को फिट रहना पसंद है इसलिए वे अपने खाली समय में , क्रिकेट, फ़ुटबॉल खेलाना और फिल्में देखना पसंद करते हैं.”
ऋषि सुनक ने बताया खुद के बारे में
सुनक ने बताया “मैंने पढ़ाई के दौरान कई देशों में रहा और भाग्यशाली रहा हूं कि मुझे काम करने के लिए बेहतरीन अवसर मिले. सुनक ने बताया कि मैं कैलिफ़ोर्निया में अपनी पत्नी अक्षता से मिला, जहां हम घर लौटने से पहले कई सालों तक साथ रहे. हमारी दो बेटियां हैं, कृष्णा और अनुष्का हैं, जो हमें व्यस्त रखती हैं और हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं.”
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सुनक पहली बार 2015 में रिचमंड (यॉर्क) निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए और 2017 और 2019 में फिर से सांसद चुने गए.
जुलाई 2019 में, सुनक को जनवरी 2018 में स्थानीय सरकार के मंत्री के रूप में चुना गया और उसके बाद, ट्रेजरी का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था.
फरवरी 2020 में, उन्हें राजकोष का चांसलर नियुक्त किया गया. इस पद पर उन्हें इस वर्ष जुलाई तक काम करने सौभाग्य प्राप्त हुआ.
ऋषि सुनक के दादा ने छोड़ा था भारत
भारतवंशी ऋषि सुनक के दादाजी का नाम राम दास सुनक था और दादी का नाम सुहाग रानी सुनक था, दोनों काफी पढ़े-लिखे परिवार से ताल्लुक रखते थे. 1935 में राम दास सुनक को केन्या के नैरोबी शहर में एक क्लर्क की नौकरी मिल गई. उन्होंने पानी के जहाज का एक वन-वे टिकट बुक कराया और अकले ही केन्या चले गए. साल1937 में दादी भी केन्या पहुंच गईं
इन दोनों के 6 बच्चे हुए, जिसमें तीन बेटे और तीन बेटियां थीं, इन्हीं में से एक थे यशवीर सुनक, जो ऋषि सुनक के पिता हैं. यशवीर सुनक का जन्म 1949 में नैरोबी में हुआ था. ऋषि सुनक के दादा राम दास भले ही भारत को छोड़ चुके थे, लेकिन उन्होंने इस देश से अपना रिश्ता पूरी तरह नहीं तोड़ा.सुनक परिवार आज भी भारत को अपनी मातृभूमि मानता है. कुछ साल बाद राम दास, सुहाग रानी के साथ पूरा परिवार ब्रिटेन में बस गया.
ऋषि सुनक की मां ऊषा सुनक और यशवीर सुनक ने 1977 में इंग्लैंड के लेस्टर शहर में शादी कर ली थी. खास बात ये है कि ऊषा सुनक के पिता यानी ऋषि सुनक के नाना भी भारत के पंजाब प्रांत से हैं.
एक जनरल हॉस्पिटल में 1980 में हुआ था सुनक का जन्म
12 मई 1980 को ऋषि सुनक का जन्म साउथैम्प्टन जनरल हॉस्पिटल में हुआ. ये यशवीर और ऊषा सुनक की पहली संतान थी. इसके बाद 1982 में ऋषि के छोटे भाई संजय सुनक का जन्म हुआ और आखिर में 1985 में इनकी छोटी बहन राखी सुनक का. बच्चों की हर जरूरत पूरी करने के लिए माता-पिता दिन रात मेहनत करते थे. ऋषि सुनक अपनी मां की दुकान में उनका हाथ बंटाते थे.
सुनक को बचपन से मंदिर जाने की आदत है
ऋषि सुनक का जन्म एक हिंदू परिवार में हुआ था इसलिए मंदिर जाने की आदत उन्हें बचपन से है. साउथैम्प्टन के हिंदू वेदिक सोसाइटी मंदिर से उन्हें इतना लगाव है क्योंकि उनके दादा राम दास सुनक इस मंदिर के फाउंडिग मेंबर थे.ऋषि सुनक अभी भी अक्सर लंदन से साउथैम्प्टन खास तौर पर इस मंदिर के दर्शन करने आते हैं. वो यहां सेवा के कामों में भी हिस्सा लेते हैं. यहां पर रहने वाले भारतीय मूल के लोगों के बीच उठते-बैठते हैं. उनके साथ उनकी पत्नी और बेटियां भी आती है.
ब्रिटेन में उनकी संपत्ति को लेकर हुआ था विवाद
ब्रिटेन की राजनीति में तेजी से उभरे ऋषि थोड़ा विवादों से भी घिरे रहे. खास तौर पर उनकी संपत्ति को लेकर ब्रिटिश मीडिया में काफी हंगामा हुआ. उनकी पत्नी अक्षता और उनकी संपत्ति करीब साढ़े सात सौ मिलियन पाउंड है यानी करीब साढ़े सात हजार करोड़ रुपये. इसमें से बड़ा हिस्सा अक्षता का है क्योंकि उनके पास इंफोसिस के शेयर हैं. ब्रिटेन में वो सबसे अमीर लोगों में से गिने जाते हैं. कहा जाता है उनकी संपत्ति ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ से भी ज्यादा है. एलिजाबेथ की संपत्ति करीब पांच हजार करोड़ रुपये है.