Ram Prakash Gupta Birth Anniversary: 90 के दशक के उत्तरार्ध में यूपी को एक सीएम मिले थे, उन सीएम का नाम था राम प्रकाश गुप्ता. उनके मुख्यमंत्री बनते ही यूपी की सियासत में दो ऐतिहासिक चीजें हुईं. पहली तो यह कि वह यूपी के सबसे बुजुर्ग सीएम थे, दूसरी यह कि उन्होंने जिस लड़के के लिए भविष्यवाणी की थी वह यूपी का सीएम बनेगा उसी ने उनका पत्ता काट दिया, और खुद राज्य का सीएम बन गया.
यूपी के सियासी गलियारों में सुनी सुनाई जाने वाली कई कहानियों में इस सीएम के कई किस्से कहे सुने जाते हैं. बताने वाले बताते हैं कि राम प्रकाश गुप्ता बहुत भुलक्कड़ व्यक्ति थे, वह जहां भी जाते तो मंच पर पहुंचने से पहले उनको उनके सचिव भाषण याद दिलाते लेकिन मंच पर जाते ही वह सब भूल जाते और फिर वही कहते जो उनके मन में आता. कई नेता तो यह भी कहते हैं कि वह अपने ही कबीना मंत्रियों से पूछ लेते, ‘माफ करिए आपको पहचाना नहीं’.
कहां हुआ जन्म, कहां से की पढ़ाई, और कहां ली आखिरी सांस
राम प्रकाश गुप्ता का जन्म 26 अक्टूबर 1924 को ब्रिटिश भारत में झांसी जिले के सुकवां-ढुकवां में एक ज्योतिष परिवार में हुआ था. बाद में उनका परिवार झांसी से बुलंदशहर आ गया, यहीं पर उनकी परविरश हुई. प्रारंभिक शिक्षा बुलंदशहर में हई हुआ और बाद में उन्होंने इलाहाबाद युनिवर्सिटी से Msc की और गोल्ड मेडल लेकर आए. इलाहाबाद में ही उन्होंने तय किया कि वह बीजेपी-आरएसएस की राजनीति का हिस्सा बनेंगे.
इसलिए 1946 में 22 वर्ष की उम्र में वह आरएसएस के प्रचारक बन गये. 1956 में पहली बार उनको जनसंघ का संगठन मंत्री बनाया गया, 1964 में लखनऊ नगरपालिका में वह डिप्टी मेयर बने, 1964 में उनको यूपी विधान परिषद सदस्य बनाया गया. 1967 में जब चौधरी चरण सिंह की सरकार में डिप्टी सीएम बने, 1975 में इमरजेंसी के दौरान जेल जाने वाले पहले सत्याग्रही बने. 1999 में पहली बार वह यूपी में सीएम बने और 2003 में मध्य प्रदेश के राज्यपाल बने. 2004 में 1 मई को दिल्ली में उनका निधन हो गया.
सीएम बनने दिल्ली पहुंचे तो किसी ने पहचाना ही नहीं
1999 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को यूपी से 29 सीटें मिले. इतनी कम सीटें मिलने के पीछे की वजह तात्कालीन सीएम कल्याण सिंह माने गये, उन दिनों कल्याण सिंह ने बीजेपी के खिलाफ ही झंडा बुलंद किया हुआ था. अटल बिहारी बाजपेयी के पीएम बनने के तुरंत बाद ही कल्याण सिंह को सीएम पद से हटा दिया गया, और ऐसे में बीजेपी आलाकमान ने सक्रिय राजनीति से रिटायर हो चुके 76 साल के प्रकाश गुप्ता को दिल्ली बुलाया. जब वह दिल्ली पहुंचे तो उनको किसी ने पहचाना ही नहीं.