Dahra Global Case: कतर में कथित जासूसी के आरोप में मौत की सजा पाने वाले 8 भारतीय पूर्व नौसैनिकों को गुरुवार (28 दिसंबर) को बहुत बड़ी राहत मिली है. भारत सरकार की तरफ से अपील करने के बाद इन लोगों की मौत की सजा पर रोक लगा दी गई. नौसेना के इन 8 पूर्व अधिकारियों को 26 अक्टूबर 2023 को मौत की सजा सुनाई गई थी.
इसके बाद 9 नवंबर को विदेश मंत्रालय ने बताया था कि भारत सरकार ने इस सजा के खिलाफ अपील दायर की, जिसे वहां की अदालत ने मंजूर कर लिया था. अल-दहरा नाम की कंपनी में काम करने वाले इन 8 भारतीयों को कथित जासूसी के आरोप में पिछले साल अगस्त के महीने में गिरफ्तार किया गया था. इस साल 25 मार्च को इन आठों अधिकारियों पर आरोप तय किए गए और मौत की सजा सुनाई.
कब क्या हुआ?
कतर की एक अदालत ने हिरासत में रखे गए आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को 26 अक्टूबर को मौत की सजा सुनाई थी. इससे पहले उनकी जमानत याचिकाएं कई बार खारिज कर दी गईं और अधिकारियों ने उनकी हिरासत बढ़ा दी. भारत सरकार ने सजा पर हैरानी व्यक्त की और कहा कि अपने नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए उपलब्ध सभी कानूनी विकल्पों का उपयोग करेंगे.
3 दिसंबर को जेल में बंद सभी आठों भारतीयों से मिलने के लिए राजनयिक पहुंच मिली. इससे पहले मामले में 23 नवंबर और 30 नवंबर को दो सुनवाई हुईं.
प्रमुख भारतीय युद्धपोतों की कमान संभालने वाले अधिकारियों सहित आठ लोग, अल दहरा कंपनी के लिए काम कर रहे थे. यह कंपनी रक्षा संबंधी क्षेत्र में काम करती थी. कंपनी के मालिक (ओमान नागरिक) को भी भारतीयों के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया. अलग-अलग रिपोर्ट्स के मुताबिक उन पर पनडुब्बी कार्यक्रम से संबंधित जासूसी का आरोप है.
इन लोगों को कतर के खुफिया विभाग ने अगस्त 2022 को दोहा से गिरफ्तार किया था और मार्च 2023 में ट्रायल शुरू हुआ. कतर में भारत के राजदूत ने इन लोगों से मुलाकात की थी.
अरिंदम बागची ने क्या कहा था?
मामला सामने आने के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था, “अल दहरा कंपनी के इन 8 भारतीय कर्मचारियों को लेकर 26 अक्टूबर को कोर्ट ऑफ फर्स्ट इंस्टेंस ने फैसला दिया था. निर्णय गोपनीय है और कानूनी टीम के साथ शेयर किया गया है. वो अब कानून कदम उठा रहे हैं और उसके बारे में मैं भी जांच कर रहा हूं. एक अपील फाइल खत्म हो गई है और जहां तक मुझे मालूम है कि उनकी अपील फाइल हो चुकी है और हम भी करत के अधिकारियों के साथ संपर्क बनाए हुए हैं.”
उन्होंने आगे कहा था, “7 नवंबर को हमारे दूतावास को कांसुलर एक्सेस की एक और राउंड की मुलाकात हुई, जब हम 8 लोगों से मिले और हम उनके परिवार के सदस्यों के साथ भी संपर्क कर सकते हैं. विदेश मंत्री ने उनके परिवार के सदस्यों के साथ दिल्ली में मुलाकात की थी और हम जितना हो सके कानूनी और कांसुलर सहायता हम उनको देते रहेंगे.”
कौन हैं भारतीय नौसेना के वो आठ पूर्व कर्मी
कथित जासूसी के आरोप में कतर की जेल में बंद 8 भारतीय- कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश गोपाकुमार हैं.
कमांडर पूर्णेंदु तिवारी (सेवानिवृत्त) को कंपनी का प्रबंध निदेशक बताया गया था. उन्हें भारत और कतर के बीच द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने में उनकी सेवाओं के लिए 2019 में प्रवासी भारतीय सम्मान मिला था.
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