Constitution Day: संविधान दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हुए कार्यक्रम में शामिल हुए. उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वो संविधान के बारे में ज़्यादा जानने की कोशिश करें. पीएम ने ई-कोर्ट (E-Court) प्रोजेक्ट के तहत उठाए गए कुछ नए कदमों को लांच किया. इनसे ज़िला स्तर तक कोर्ट के कामकाज की जानकारी लेना आसान बनेगा. आम लोगों के लिए बनाए गए वर्चुअल जस्टिस क्लॉक, डिजिटल कोर्ट और जजों के लिए बनाए गए मोबाइल जस्टिस ऐप 2.0 जैसी सुविधाएं से न्याय प्रक्रिया में तेज़ी आने की उम्मीद है.
26 नवंबर 1949 को संविधान सभा की तरफ से देश के संविधान को स्वीकार किए जाने की याद में हर साल संविधान दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस धनंजय चंद्रचूड़ समेत बाकी जजों, कानून मंत्री किरेन रिजिजू और अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमनी की मौजूदगी में कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम में भाषण देते हुए प्रधानमंत्री ने सबसे पहले 2008 में मुंबई में हुए 26/11 हमले में हताहत हुए लोगों को याद किया. उन्होंने यह भी कहा कि आज का दिन संविधान के निर्माण में जुड़े लोगों को याद करने का दिन है.
‘आगे बढ़ रहा है देश’
मोदी ने भारत को ‘मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ बताते हुए कहा कि देश अपनी सभी विविधताओं को साथ लिए सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है. भारत की उभरती हुई शक्ति को दुनिया आशा की दृष्टि से देख रही है. इसके पीछे एक बड़ी वजह हमारा संविधान है. इसमें ‘वी द पीपल’ लिखा है. यही भावना हमें वैशाली गणराज्य में, वेद ऋचाओं में, महाभारत में भी दिखती है.
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‘अगले 25 साल महत्वपूर्ण’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज़ादी का अमृत काल देश के लिए कर्तव्य काल है. अगले 25 साल महत्वपूर्ण हैं. हर कोई अपनी-अपनी जगह पर देश के लिए योगदान दें. पीएम ने यह भी कहा कि 1 सप्ताह के बाद भारत को G-20 की अध्यक्षता भी मिलने वाली है. लोग भारत की उपलब्धियों को दुनिया के सामने लेकर जाएं.
‘संविधान की जानकारी लें युवा’
करीब 15 मिनट के भाषण के अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं को संविधान के बारे में ज़्यादा जानना चाहिए. मोदी ने कहा, “यह ज़रूरी है कि युवाओं को संविधान की और संविधान जैसे बना उस प्रक्रिया की जानकारी हो. इससे उनकी रुचि बढ़ेगी.” उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “संविधान सभा में 15 महिला सदस्य थीं. समाज के अत्यंत पिछड़े हिस्से से आने वाली एक महिला सदस्य दक्षायनी वेलायुधन ने वहां ऐसे विषय रखे, जिसने संविधान निर्माण में अहम रोल निभाया.”
कानून मंत्री ने की अहम घोषणा
कार्यक्रम में दिए अपने भाषण में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने अहम जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भारतीय भाषाओं में कानून और कानूनी प्रक्रियाओं की जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए एक कमिटी का गठन किया गया है. इसके अध्यक्ष पूर्व चीफ जस्टिस एस ए बोबडे हैं. ‘भारतीय भाषा समिति’ नाम की यह कमिटी कानूनी शब्दावली का स्थानीय भाषाओं में अनुवाद उपलब्ध करवाएगी. इससे स्थानीय भाषा में कानूनी कामकाज सरल हो सकेगा.
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