Pakistan Army: पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने अगले सेना प्रमुख के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को सोमवार को पांच नामों की सूची भेजी है. मौजूदा सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा 29 नवंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे. पाकिस्तान सेना अधिनियम (पीएए) 1952 के तहत, रक्षा मंत्रालय मौजूदा सेनाध्यक्ष को सेवामुक्त करने संबंधी दस्तावेज़ ‘डिस्चार्ज समरी’ जारी करेगा ताकि उनके उत्तराधिकारी की नियुक्त का मार्ग प्रशस्त हो सके.
जनरल बाजवा (61) तीन साल के सेवा विस्तार के बाद 29 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. उन्होंने एक और सेवा विस्तार लेने से इनकार कर दिया है.‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि फौज के नए प्रमुख की नियुक्ति के संबंध में पीएमओ को सोमवार को रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट मिल गई है.
पाकिस्तान के लिए क्यों अहम है सेना अध्यक्ष?
खबर के मुताबिक, रिपोर्ट में पांच शीर्ष जनरल के नाम हैं. अखबार ने कहा कि पीएमओ ने रक्षा मंत्रालय से रिपोर्ट मिलने की पुष्टि नहीं की है. नए सेना प्रमुख 29 नवंबर को पदभार संभालेंगे और इसी दिन बाजवा छह साल के कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त हो जाएंगे. बाजवा के उत्तराधिकारी की नियुक्ति में काफी दिलचस्पी देखी जा रही है. कई लोगों का मानना है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की लंबी रैली सेना में नेतृत्व बदलने से जुड़ी है. खान ने अपने समर्थकों से 26 नवंबर को रावलपिंडी में जमा होने के लिए कहा है. यह बाजवा की सेवानिवृत्ति से तीन पहले की तारीख है.
कौन-कौन है दावेदार?
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने महत्वपूर्ण नियुक्ति को लेकर फौज और सरकार के बीच गतिरोध की किसी भी अटकल को रविवार को खारिज कर दिया. वरिष्ठता सूची के अनुसार, लेफ्टिनेंट जनरल आसीम मुनीर, लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा, लेफ्टिनेंट जनरल अजहर अब्बास, लेफ्टिनेंट जनरल नोमान महमूद और लेफ्टिनेंट जनरल फैज़ हमीद ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष और सेना प्रमुख के अध्यक्ष पद के लिए दावेदार हैं.
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पाकिस्तानी फौज की मीडिया इकाई अंतर सेवा जनसंपर्क (आईएसपीआर) ने पिछले हफ्ते पुष्टि की थी कि जनरल बाजवा 29 नवंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे. इसके बाद से नए सेनाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर चर्चा जारी है. पीएमओ के एक सूत्र ने डॉन अखबार को बताया कि रक्षा मंत्रालय 27 नवंबर से पहले नए सेना प्रमुख की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर देगा.
क्या है राजनीतिक एंगल?
प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ हाल में निजी यात्रा पर लंदन गए थे जहां उनके बड़े भाई और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ फिलहाल रह रहे हैं. उन्होंने नवाज़ शरीफ से इस मुद्दे पर सलाह-मशविरा किया है और वापस आने पर गठबंधन के सभी साझेदारों के साथ इस बाबत बातचीत की है.
नियुक्ति प्रक्रिया में राष्ट्रपति आरिफ अल्वी की भूमिका अहम हो गई है, क्योंकि मीडिया में आई कुछ खबरों में दावा किया गया है कि वह 25 दिनों तक अधिसूचना को रोक सकते हैं. विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने शनिवार को राष्ट्रपति अल्वी को सेना प्रमुख की नियुक्ति में किसी भी तरह की गड़बड़ी पैदा न करने की सलाह दी.
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