New Corona Research Stanford University School Of Medicine Find That Covid Infection Can Attack On Human Kidney Eye Through Postmartum

Corona Research: एक बार फिर से कोरोना के फैलने का डर आम लोगों को सताने लग गया है. जिस तरह की खबरें चीन और अमेरिका से सुनने को आ रही है, उसे लोगों के मन में एक सवाल पैदा हो गया है. वो सवाल ये है कि आखिर कब तक कोरोना से लड़ना पड़ सकता है. आए दिन कोरोना को लेकर दुनिया के बड़े-बड़े रिसर्चर रिसर्च कर रहें हैं कि इंसानी शरीर पर कोरोना का असर कैसा पड़ सकता है.

वैसे तो कोरोना का असर भी इंसानी शरीर पर अलग-अलग तरह के देखने को भी मिल चुका है. हाल ही में अमेरिका के स्टैनफोर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन की एक टीम ने कई कोविड मरीजों के पोस्टमार्टम के टिशू के नमूनों का गहराई से विश्लेषण किया. उन्हें वायरल आरएनए का कोई निशान नहीं मिला.

कोरोना वायरस का फेफड़ों पर इम्पैक्ट
अमेरिका के मैरीलैंड यूनिवर्सिटी के मदद से किए गए रिसर्च में 44 कोरोना से मारे गए मरीजों का पोस्टमार्टम किया गया. ये रिसर्च इसलिए किया क्योंकि रिसर्चर देखना चाहते थे कि कोरोना से मरने के तुरंत बाद इंसानी शरीर पर इसका क्या असर पड़ता है. रिसर्चरों की टीम ने ये पाया कि कोरोना के वायरस शरीर के 84 अलग-अलग जगहों पर मौजूद पाए गए. इसका सबसे गहरा असर श्वसन मार्ग और फेफड़ों के टिशू पर पाया गया

बिना वैक्सीनेशन वाले मरीज
रिसर्च के लिए जिन मरीजों का इस्तेमाल किया गया वो बिना वैक्सीनेशन वाले थे और कोरोना से मौत हो गई थी. कोरोना के वायरस दिमाग, आंत, हृदय, गुर्दे, आंख, लिम्फ नोड्स और एड्रेनल ग्लैंड में भी पाए गए. इन्फेक्शन के अलग-अलग स्टेजों वाले मरीज के टिशू को इस्तेमाल किया गया था. इनमें शुरुआती लक्षण दिखाई देने के 14 दिनों के भीतर से लेकर गंभीर बीमारी के नौ महीने बाद तक के मरीज शामिल थे. सारे बूढ़े मरीज थे.

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By jaghit