दुनिया भर में बरपते कोरोना संक्रमण के कहर के बीच भारत को जल्द ही नाक से दी जाने वाली पहली कोविड वैक्सीन मिलने वाली है. इंट्रानेसल कोविड-19 वैक्सीन ‘इनकोवैक’ (INCOVACC) एक स्वदेशी वैक्सीन है यानी इसका निर्माण भारत में ही किया गया है. इस वैक्सीन को भारत बायोटेक ने तैयार किया है. इनकोवैक इंट्रानेसल कोरोना वैक्सीन की लॉन्चिंग गणतंत्र दिवस के मौके पर यानी 26 जनवरी को होगी. कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर कृष्णा इल्ला ने इसकी जानकारी दी. इस वैक्सीन को लेकर आपके मन में कई सवाल होंगे जैसे- इसकी खासियत क्या है, ये वैक्सीन कहां मिलेगी, कैसे मिलेगी, कितनी डोज लगेंगी, कितने की मिलेगी आदि.. हम आपके इन्ही सवालों का जवाब नीचे देने जा रहे हैं.
क्या है इनकोवैक की खासियत?
इनकोवैक वैक्सीन का सफल परिणामों के साथ फेज I, 2 और 3 में क्लिनिकल ट्रायल में मूल्यांकन किया गया था. निर्माता का कहना है कि इंट्रानैसल वैक्सीन एक ब्रॉड इम्यून रिस्पॉन्स को स्टिम्युलेट करता है, जैसे आईजीजी, म्यूकोसल आईजीए और टी सेल रिसपॉन्सेस को बेअसर करना. ये नाक के म्यूकोसा में इम्यून रिस्पॉन्स शुरू करता है और कोविड के इन्फेक्शन और ट्रांसमिशन को रोकने में मदद कर सकता है. यह एक निडल-फ्री वाक्सीन है यानी इसके लिए इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं करना होगा. ये सीधे तौर पर नाक से दी जाएगी.
इनकोवैक वैक्सीने लेने से पहले क्या करना चाहिए?
इनकोवैक वैक्सीन को लेने से पहले आपको वैक्सीनेशन प्रोवाइडर को यह बताना होगा कि आप कौन-कौन सी दवाएं फिलहाल ले रहे हैं. अपनी मेडिसिन और बीमारी से जुड़ी सभी जानकारी देनी होगी. अगर आपको एलर्जी की समस्या है तो इस बारे में भी बताना होगा. इसके अलावा, आपकी इम्यूनिटी कैसी है, यह भी जरूर ध्यान में रखें. अपने अब तक कोविड वैक्सीनेशन डोज की जानकारी, गर्भवती होने की जानकारी, ब्लड से जुड़ी समस्याओं आदि के बारे में पहले बताना सही रहेगा, ताकि आप किसी भी जोखिम से बचे रह सकें.
किस स्थिति में आप नहीं ले सकते ये वैक्सीन?
जिन लोगों की उम्र 18 साल से कम है, उन्हें इनकोवैक वैक्सीन नहीं दी जा सकती है. यह नसल वैक्सीन उन लोगों को भी नहीं दी जाएगी, जिन्हें वैक्सीनेशन के बाद गंभीर एलर्जी जैसा रिस्पॉन्स मिला हो या पहले के कोविड वैक्सीनेशन की वजह से गंभीर परेशानियां हुईं हों. जिन लोगों को तेज संक्रमण या बुखार है, उन्हें नाक की वैक्सीन नहीं दी जा सकता है.
यह वैक्सीन कैसे दी जाती है?
इनकोवैक को 2-डोज़ सीरिज के रूप में दिया जाएगा. दोनों खुराकों के बीच का अंतर 4 हफ्ते का होगा. व्यक्ति को कुल 4-4 ड्रॉप प्रति खुराक दी जाएगी. यानी दोनों नाक में 4-4 बूंदें दी जाएंगी.
क्या इनकोवैक को बूस्टर डोज के रूप में लिया जा सकता है?
हाँ, इनकोवैक वैक्सीन को बूस्टर डोज़ के रूप में लिया जा सकता है. भारत बायोटेक का कहना है कि कोविशील्ड या कोवैक्सिन से फुली वैक्सीनेटेड होने के 6 महीने के बाद ही 18 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों को ये वैक्सीन दी जाएगी.
साइड इफेक्ट
इनकोवैक वैक्सीन लगने के बाद देखे जाने वाले कॉमन साइड इफेक्ट सिरदर्द, बुखार, नाक का बहना और छींकना है. भारत बायोटेक का कहना है कि इनकोवैक की डोज लेने के बाद एलर्जी के गंभीर परिणाम बहुत कम ही हो सकते हैं. हालांकि इनकोवैक के क्लिनिकल ट्रायल में ऐसी किसी घटना की जानकारी नहीं दी गई थी.
वैक्सीन की कीमत कितनी
भारत बायोटेक ने पिछले साल दिसंबर में ऐलान किया था कि वो इस इंट्रानेसल वैक्सीन को 325 रुपये प्रति डोज की दर से सरकार को बेचेगा. जबकि प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर्स के लिए इसकी कीमत 800 रुपये प्रति डोज होगी.
कहां लगेगी ये वैक्सीन?
इस वैक्सीन को सरकारी अस्पतालों समेत प्राइवेट अस्पतालों में लगाई जाएगी. इसके अलावा, वैक्सीन को स्वास्थ्य केंद्रों में भी लगाया जाएगा.
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )