DICCI ने की थी शिकायत
उपराज्यपाल कार्यालय सूत्रों के मुताबिक 30 सितंबर को DICCI (Dalit Indian Chamber of Commerce and Industry) का एक प्रतिनिधिमंडल उप राज्यपाल से मिलने पहुंचा था, उन्होंने उप राज्यपाल से शिकायत की थी कि करीब 1000 सफाई कर्मचारियों का 16 करोड़ रुपये का भुगतान दिल्ली सरकार ने नहीं किया है. मैनुअल स्कैवेंजिंग को खत्म करने के लिए फरवरी 2019 में दिल्ली सरकार ने DICCI से एक अनुबंध किया था, जिसके तहत 189 ठेकेदारों के अंतर्गत करीब 1000 सफाई कर्मचारी सीवर लाइन्स की सफाई के लिए लगाए गए थे. ये सभी सफाई कर्मचारी सीवर साफ करने वाली मशीनों के जरिए दिल्ली जल बोर्ड के क्षेत्राधिकार वाले इलाकों में सीवर लाइन्स साफ कर रहे थे.
ठेकेदारों को EMI देने में हुई थी परेशानी
सूत्रों के मुताबिक उपराज्यपाल कार्यालय को मिली शिकायत में ये कहा गया है कि अनुबंध के बाद संस्था ने महंगी मशीनरी खरीदी और दिल्ली सरकार के जल बोर्ड ने मशीनें का इस्तेमाल किया, लेकिन बीते 4 साल में समय से भुगतान नहीं किया गया. इसकी वजह से ठेकेदार सफाई कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं दे पाए हैं. साथ ही ठेकेदार जिन मशीनों का इस्तेमाल कर रहे थे वह मशीनें स्टैंड अप इंडिया मुहिम के तहत ठेकेदारों ने खरीदी थी. एक मशीन की कीमत 40 लाख रुपए थी और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 90 % लोन दिया लेकिन दिल्ली सरकार में भुगतान नहीं किया जिसकी वजह से ठेकेदार EMI चुकाने में भी तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ा.सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सरकार द्वारा भुगतान न किए जाने की वजह से इन सफाई कर्मचारियों को कई महीनों से वेतन नहीं मिला है.
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